पाकिस्तान में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म डाउन, इंटरनेट ठप... क्या दाऊद इब्राहिम से है कनेक्शन?
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पूरे पाकिस्तान में इंटरनेट बंद है. लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स यूज नहीं कर पा रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी PTI की वर्चुअल रैली से ठीक पहले पूरे देश में इंटरनेट बंद हो गया. इंटरनेट ट्रैकिंग एजेंसी ने कहा, पूरे पाकिस्तान में एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर परेशान आ रही है.
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को कराची के हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है. सोशल मीडिया पर दाउद को जहर दिए जाने का दावा किया जा रहा है. इस बीच, खबर है कि पूरे पाकिस्तान में इंटरनेट ठप कर दिया गया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी डाउन हैं. यूजर्स को परेशान देखा जा रहा है. सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि रविवार रात पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) अध्यक्ष इमरान खान की वर्चुअल रैली थी. इसकी वजह से माहौल खराब ना हो, इसलिए रैली से ठीक पहले इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. कुछ लोग इसे दाऊद इब्राहिम से जोड़कर भी देख रहे हैं.
इन लोगों का कहना है कि सोशल मीडिया पर रविवार से दाऊद को लेकर भी तमाम तरह की अफवाहें चल रही थीं. मामला संवेदनशील होने के कारण इंटरनेट ठप कर दिया गया है. हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी. फिलहाल, पूरे पाकिस्तान में यूजर्स को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यूज करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि इमरान खान की रविवार रात 9 बजे वर्चुअल रैली शुरू होने वाली थी, लेकिन इंटरनेट स्लोडाउन होने की वजह से रैली को स्ट्रीम करने में काफी परेशानी हुई.
'दूरसंचार विभाग ने साधी चुप्पी'
पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक, यूजर्स ने रात 8 बजे के बाद लाहौर, कराची और इस्लामाबाद में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक पहुंचने में परेशानी आने की सूचना दी. यूजर्स ने इंटरनेट सर्विस स्लो होने की भी शिकायत की. खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व वित्त मंत्री और पीटीआई नेता तैमूर झागरा ने भी ऑनलाइन रैली के बीच इंटरनेट इशू पर सवाल उठाए. पीटीआई ने इसे 'अपेक्षित कदम' बताया. वहीं, पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) ने इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया है.
'ये लोगों का अधिकार छीनने जैसा'
वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता जिब्रान नासिर ने कहा, पीटीआई की वर्चुअल रैली का विरोध करने के लिए लाखों यूजर्स और सैकड़ों हजारों व्यवसायों को प्रभावित किया गया. ये इंटरनेट के साथ खिलवाड़ किया है. यह पागलपन से परे है. एक्टिविस्ट उसामा खिलजी ने भी पाकिस्तानी नागरिकों के सूचना तक पहुंच के अधिकार और संघ की स्वतंत्रता को कमजोर करने की निंदा की.
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