
पाकिस्तान: बाढ़ से 3 हजार किमी सड़कें बह गईं, 20 लाख एकड़ फसल बर्बाद और आपातकाल, जानिए क्यों आई ऐसी 'जल प्रलय'?
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पाकिस्तान में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से ज्यादातर इलाके में घर टूट चुके हैं. लाखों लोग बेघर हो गए हैं. उनके सामने खाने का संकट खड़ा हो रहा है. फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और खाने-पीने की चीजों के दाम बेकाबू हो चुके हैं. इस बीरच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट कर पाकिस्तान के लोगों के प्रति संवेदना जताई है.
पाकिस्तान इस समय सबसे घातक बाढ़ का सामना कर रहा है. यहां पिछले 10 दिनों की बारिश ने 30 साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. एक तिहाई पाकिस्तान बाढ़ की वजह से डूब गया है. बाढ़ से यहां अब तक 1100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. 10 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं. इस वक्त करीब 3 करोड़ लोग बाढ़ का सामना कर रहे हैं.
अब तक इस बाढ़ में 7 लाख से ज्यादा पशु मारे गए हैं. बाढ़ से आई इस तबाही से पाकिस्तान की 3 हजार किलोमीटर की सड़कें पानी में बह गई हैं. इससे लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने में बहुत दिक्कतें आ रही हैं.
जानकारी के मुताबिक बाढ़ का सबसे ज्यादा असर सिंध, बलूचिस्तान, खैबर-पख्तूनख्वा और पंजाब राज्य में हुआ है. यहां करीब 20 लाख एकड़ में फैली फसल बर्बाद हो गई है. पाकिस्तान सरकार ने देश में राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया. विशेषज्ञों के मुताबिक इस बाढ़ का सबसे बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन है, जिसका सीधा असर बारिश के पैटर्न पर पड़ा है.
तापमान बढ़ने से हो रही ज्यादा बारिश
दुनियाभर में बढ़ते तापमान को लेकर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार पृथ्वी के तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है. इससे दक्षिण एशिया के देशों में 5 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो रही है.
दक्षिण एशिया में भारत, पाकिस्तान बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देश आते हैं. तापमान बढ़ने और समुद्र के पास होने की वजह से गर्म हवाएं हिमालय से टकराती हैं, जिससे भारत और पाकिस्तान जैसे देशों में ज़्यादा बारिश हो रही है.

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.