
पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने क्यों कहा-'पाकिस्तानियों को भीख का कटोरा फेंक देना चाहिए'
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विदेशी मुद्रा संकट की वजह से पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2023 के महीने के लिए पाकिस्तान सरकार का कर्ज बढ़कर 2.44 अरब डॉलर हो गया है. इसी बीच पाकिस्तान के सेना प्रमुख सैयद असीम मुनीर ने कहा है कि पाकिस्तानियों को भीख का कटोरा फेंक देना चाहिए.
चीन से कर्ज को लेकर जारी बातचीत के बीच पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर ने कहा है कि सभी पाकिस्तानियों को भीख का कटोरा फेंक देना चाहिए. पाकिस्तानी सेना प्रमुख का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने हाल ही में पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी है. तीन अरब डॉलर का ये कर्ज पाकिस्तान को नौ महीने में दिया जाएगा.
दरअसल, विदेशी मुद्रा संकट की वजह से पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. आर्थिक संकट से उबरने के लिए पाकिस्तान पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से संघर्ष कर रहा है. बेलआउट पैकेज के लिए भी पाकिस्तान सरकार और आईएमएफ के बीच पिछले 8 महीने से बातचीत जारी थी. रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2023 महीने के लिए पाकिस्तान सरकार का कर्ज बढ़कर 2.44 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है. इस कर्ज में चीन का 2.07 अरब अमेरिकी डॉलर का गैर-गारंटी वाला कर्ज भी शामिल है.
पाकिस्तानियों को फेंक देना चाहिए भीख का कटोराः जनरल असीम मुनीर
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट जियो न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के सेना प्रमुख सैयद असीम मुनीर ने विदेशी कर्ज पर निर्भरता को खत्म करने के लिए देश को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकताओं पर जोर दिया. सोमवार को खानेवाल मॉडल एग्रीकल्चर फार्म के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने कहा, "पाकिस्तान एक गौरवान्वित, उत्साही और प्रतिभाशाली राष्ट्र है. सभी पाकिस्तानियों को भीख का कटोरा फेंक देना चाहिए."
जनरल सैय्यद मुनीर ने आगे कहा, "अल्लाह ने पाकिस्तान को सभी आशीर्वाद से नवाजा है. दुनिया की कोई भी ताकत देश की प्रगति को नहीं रोक सकती है. देश मां की तरह होता है और लोगों और देश के बीच रिश्ता प्यार और सम्मान का होता है. पाकिस्तानी सेना को अपने राष्ट्र की सेवा करने पर गर्व है. सेना को ताकत लोगों से मिलती है."
संबोधन के दौरान लोगों से वादा करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान मौजूदा संकट से बाहर नहीं निकल जाता, सेना चैन से नहीं बैठेगा. उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा और अर्थव्यवस्था एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और दोनों एक-दूसरे के लिए अपरिहार्य होते हैं.

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