
पाकिस्तान अपना 'नेशनल डे' दिल्ली में क्यों मनाएगा? जानें- जिन्ना और मुस्लिम लीग से क्या है कनेक्शन
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23 मार्च को पाकिस्तान का नेशनल डे है. चार साल बाद पाकिस्तान अपना नेशनल डे राजधानी दिल्ली में भी मनाएगा. इस दिन पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यक्रम रखा गया है. 84 साल पहले 23 मार्च को ही लाहौर में मुस्लिमों के लिए अलग मुल्क का प्रस्ताव रखा गया था.
पाकिस्तान में नई सरकार का गठन हो चुका है. शहबाज शरीफ ने नए प्रधानमंत्री के रूप में सोमवार को शपथ ली. शहबाज शरीफ दूसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने गए हैं.
नए सरकार का गठन होते पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने भारत से रिश्ते सुधारने की कोशिश भी शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान इस साल अपना 'नेशनल डे' नई दिल्ली में मनाने जा रहा है. इस दिन दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यक्रम किए जाएंगे.
ये चार साल में पहली बार है, जब पाकिस्तान अपना नेशनल डे दिल्ली में मनाएगा. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने अपना राजदूत वापस बुला लिया था.
पाकिस्तान का नेशनल डे 23 मार्च को पड़ता है. ये वही तारीख है जब आजादी से पहले लाहौर में पाकिस्तान बनाने का प्रस्ताव रखा गया था.
क्या हुआ था 23 मार्च को?
पाकिस्तान के इतिहास में 23 मार्च की तारीख बहुत अहम है. ये वही तारीख है, जब 1940 में मुस्लिम लीग ने मुस्लिमों के लिए अलग मुल्क की मांग करते हुए एक प्रस्ताव रखा था.

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.