पहली बारिश से 'पानी-पानी' दिल्ली को इन शहरों से सीखना चाहिए, न के बराबर है ट्रैफिक और जलभराव, ऐसी है टाउन प्लानिंग
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मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में आज के लिए भारी बारिश का अलर्ट था. इसके बाद 30 जून से 2 जुलाई तक दिल्ली में भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा यानी एक दिन (29 जून) के गैप के बाद दिल्ली में फिर भारी बारिश की संभावना है. पहली बारिश ने ही सभी तैयारियों और ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल दी है. हमें इन शहरों से कुछ सीखने की जरूरत है.
दिल्ली-NCR की पहली बारिश मुसीबत बन गई. शुक्रवार सुबह जब लोग अपने घरों से निकले तो जलमग्न सड़कें देखकर दंग रह गए. कुछ घंटों की बारिश ने दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल दी. कई इलाकों के अंडरपास में भरा पानी डराने वाला है. मिंटो रोड पर बारिश का पानी जमा होने से एक कार लगभग पूरी तरह डूब गई है. जलभराव की वजह ट्रैफिक जाम ने लोगों की मुसिबत और बढ़ा दी. बारिश की कारण इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 में छत का एक हिस्सा गिर गया जिसकी चपेट में आने से कई कारें दब गई, 7 लोग घायल और एक व्यक्ति की मौत हो गई. इस आफत के बीच दिल्ली को भारत के उन शहरों से सीखने की जरूरत है जहां लोगों के पास बारिश की केवल अच्छी यादें हैं. वो किस तरह का टाउन प्लानिंग फॉलो कर रहे हैं जहां ड्रेनेज सिस्टम (Drainage system) और जबरदस्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम (public transport system) की बदौलत इस तरह की परेशानी नहीं होती.
गांधीनगर
गांधीनगर गुजरात की राजधानी है और इसे भारत के सबसे योजनाबद्ध शहरों में से एक माना जाता है. इसका टाउन प्लानिंग 1960 के दशक में किया गया था . शहर में चौड़ी सड़कें, पर्याप्त पार्किंग और कुशल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली है, जिसके कारण ट्रैफिक जाम की समस्या कम होती है. इसके अलावा, शहर में अच्छी जल निकासी व्यवस्था है, जिसके कारण ट्रैफिक जाम और जलभराव की समस्याएं कम हैं.
चंडीगढ़
चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की राजधानी है और इसे स्वतंत्र भारत का पहला नियोजित शहर माना जाता है. इसका टाउन प्लानिंग फ्रांसीसी-स्विस वास्तुकार Le Corbusier द्वारा डिजाइन किया गया था और इसे भारत के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक माना जाता है. शहर में चौड़ी सड़कें, हरे-भरे पेड़ और कुशल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली है, जिसके कारण ट्रैफिक जाम की समस्या कम होती है. इसके अलावा, शहर में अच्छी जल निकासी व्यवस्था है, जिसके कारण जलभराव की समस्या बहुत कम देखने को मिलती है.
पुणे
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