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पश्चिम बंगाल को ये क्या हुआ? कभी रहता था दबदबा... आज GDP में बस इतनी हिस्सेदारी
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पश्चिम बंगाल (West Bengal) की 1960-61 में जीडीपी में 10.5% की हिस्सेदारी थी, लेकिन लगातार कई दशकों की गिरावट के बाद अब यह घटकर महज 5.6% रह गई है. यही नहीं यहां पर प्रति व्यक्ति आय भी गिरकर राष्ट्रीय औसत का 83.7% रह गई है.
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) ने भारत के सबसे अमीर और गरीब राज्यों का खुलासा करते हुए एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें आंकड़ों के साथ बताया गया है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद यानी India GDP में किन राज्यों का कितना योगदान रहा है. इन आंकड़ों से संबंधित राज्य का आर्थिक स्थिति का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है और इसमें पश्चिम बंगाल के आंकड़े हैरान करने वाले हैं.
पश्चिम बंगाल के आंकड़ों ने बढ़ाई चिंता पीटीआई पर छपी ईएसी-पीएम की रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई है और इसमें बताया गया है कि ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) की सरकार वाले पश्चिम बंगाल (West Bengal) की देश की जीडीपी में हिस्सेदारी तेजी से घटी है. पिछले कई दशकों से ये सिलसिला जारी है. रिपोर्ट की मानें तो जिस पश्चिम बंगाल की 1960-61 में जीडीपी में 10.5% की हिस्सेदारी थी, वह अब घटकर महज 5.6% रह गई है. यही नहीं यहां पर प्रति व्यक्ति आय (Average Per Capita Incomes) भी गिरकर राष्ट्रीय औसत का 83.7% रह गई है, जो कभी 127.5% हुआ करती थी.
पश्चिम बंगाल के ये आंकड़े चिंताजनक हैं, क्योंकि राज्य में प्रति व्यक्ति आय जिस स्तर पर पहुंच गई है, वो राजस्थान और ओडिशा जैसे पारंपरिक रूप से पिछड़े राज्यों से भी कम है. पश्चिम बंगाल ने अपनी शुरुआती आर्थिक मजबूती के बावजूद लगातार और हैरान करने वाली गिरावट देखी है. बंगाल को छोड़कर अन्य समुद्र तटीय राज्यों ने देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है.
बिहार की स्थित सुधरी, महाराष्ट्र को यहां झटका रिपोर्ट में जहां पश्चिम बंगाल का हाल बेहाल बताया गया है, तो वहीं बिहार (Bihar) के आंकडे राहत देने वाले हैं, क्योंकि पिछले दो दशकों में उसकी स्थिति स्थिर रही है. इसके बावजूद ये अन्य राज्यों से अभी काफी पीछे है और उनकी बराबरी में आने के लिए उसे बहुत तेजी से विकास करना होगा. देश का तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के बावजूद इसका जीडीपी में योगदान 4.3% है. इसके अलावा GDP में उत्तर प्रदेश का योगदान 1960-61 में 14% से घटकर 9.5% रह गया है.
इस रिपोर्ट में महाराष्ट्र का जिक्र खासतौर पर किया गया है, जो भारत की जीडीपी में में सबसे बड़ी हिस्सेदारी वाला राज्य बना हुआ है. हालांकि, बीते कुछ सालों में इसका हिस्सा कुछ कम हुआ है और 15% से घटकर 13.3% रह गया है. इसके बावजूद, महाराष्ट्र की प्रति व्यक्ति आय मार्च 2024 तक राष्ट्रीय औसत का 150.7% पर पहुंच गई है.
दिल्ली-हरियाणा समेत साउथ के स्टेट्स का दबदबा रिपोर्ट में आगे बढ़ें तो देश की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले राज्यों की लिस्ट में साउथ के राज्यों का दबदबा बढ़ा है और इन राज्यों ने औसत से अधिक प्रति व्यक्ति आय का दावा किया है. EAC-PM के मुताबिक, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और तमिलनाडु सामूहिक रूप से भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 30% के हिस्सेदार हैं.
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