पर्यवेक्षक फाइनल, CM रेस में नए नाम भी जुड़े... तीनों राज्यों को सोमवार तक मिलेंगे मुख्यमंत्री?
AajTak
तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए गए हैं, जो यहां के विधायकों की राय लेकर मुख्यमंत्री चेहरे को फाइनल करेंगे. इस बीच कई नाम जो पहले आगे थे, अब वो पीछे बताए गए हैं. सीएम की रेस में नए नाम आगे होने की सुगबुगाहट दिल्ली से भोपाल, जयपुर, रायपुर तक शुरू हो चुकी है. अब बस रविवार और सोमवार का इंतजार है.
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के चुनावी नतीजे आए आज छह दिन बीत गए हैं. लेकिन मुख्यमंत्री पद के चेहरों पर मुहर नहीं लग सकी है. हालांकि तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए गए हैं, जो यहां के विधायकों की राय लेकर मुख्यमंत्री चेहरे को फाइनल करेंगे. इस बीच कई नाम जो पहले आगे थे, अब वो पीछे बताए गए हैं. सीएम की रेस में नए नाम आगे होने की सुगबुगाहट दिल्ली से भोपाल, जयपुर, रायपुर तक शुरू हो चुकी है. अब बस रविवार और सोमवार का इंतजार है.
दरअसल, सुगबुगाहट है कि मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल पुराने चेहरों की विदाई हो सकती है. तीन में से एक राज्य में महिला मुख्यमंत्री का नाम हो सकता है. एक आदिवासी या ओबीसी मुख्यमंत्री का नाम भी घोषित हो सकता है. इसके अलावा सांसद से विधायक बना एक चेहरा भी मुख्यमंत्री हो सकता है. वहीं अगर कोई गैर विधायक चेहरा चुनावी मेहनत के दम पर सीएम की कुर्सी पर बैठे तो भी चौंकने की जरूरत नहीं है.
राजस्थान में सीएम की रेस में अब किरोड़ी लाल मीणा का नाम भी जुड़ गया है. वहीं मध्य प्रदेश में इस रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल बताए जा रहे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया कुछ खास वजहों से सीएम के रेस में शामिल हैं. कारण, सिंधिया की गिनती पीएम मोदी के करीबियों में होती है. कई महत्वपूर्णों कामों का जिम्मा ज्योतिरादित्य सिंधिया के कंधों पर है. वहीं, मध्य प्रदेश में बीजेपी के वो इकलौते ऐसे नेता हैं, जिनके घर में राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक आ चुके हैं. छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय का नाम इस रेस में जुड़ा है.
राजनाथ बनाए गए राजस्थान के पर्यवेक्षक
बता दें कि राजनाथ सिंह रविवार को राजस्थान पहुंच रहे हैं. उन्हें राजस्थान का पर्यवेक्षक बनाया गया है. इनके साथ सरोज पांडे और विनोद तावडे को पर्यवेक्षक बनाया गया है. राजस्थान के तीनों पर्यवेक्षकों के सामने फिलहाल दावा है कि सीएम के चेहरे के तौर पर वसुंधरा राजे, किरोड़ी लाल मीणा, बाबा बालकनाथ, गजेंद्र सिंह शेखावत और दीया कुमारी का नाम है. इन्हीं में से एक नाम को विधायक दल की बैठक में राय लेकर मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. इसके बाद अंतिम फैसला संसदीय बोर्ड को ही करना है.
माना जा रहा है कि रविवार को ही विधायक दल की बैठक हो सकती है. 16 तारीख से पहले नई सरकार, नए मुख्यमंत्री और नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण भी हो सकता है. शपथ के लिए जगहें भी खोजी जाने लगी हैं. बस मुख्यमंत्री कौन होगा, यही साफ होना बाकी है.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.