पति के शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करने पर हाईकोर्ट ने की ये बड़ी टिप्पणी
Zee News
न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम -1955 के तहत पति की ओर से शारीरिक संबंध से इनकार करना क्रूरता है, लेकिन यह आईपीसी की धारा 489ए के तहत नहीं आता. पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ एकमात्र आरोप यह है कि उनका मानना है कि प्यार का मतलब कभी शारीरिक संबंध बनाना होता ही नहीं.
बेंगलुरू: कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति और उसके माता-पिता के खिलाफ पत्नी की ओर से शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करने के मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया है. पत्नी ने 5 फरवरी, 2020 को आईपीसी की धारा 498ए के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज की थी, जो दहेज उत्पीड़न से संबंधित है. उसने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 12 (1)(ए) के तहत फैमिली कोर्ट में एक शिकायत भी दर्ज करवाई थी, जिसमें यह दावा किया गया था कि शादी के बाद शारीरिक संबंध हुआ ही नहीं.