पंजाब की राजनीति में ट्विस्ट, BSP के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी में अकाली दल
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बीएसपी और एसएडी के बीच गठबंधन की घोषणा करने के लिए बसपा के महासचिव सतीश मिश्रा भी चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं. कल मिश्रा और अकाली दल नेता सुखबीर बादल गठबंधन की घोषणा करेंगे. सूत्रों के अनुसार, अकाली दल बीएसपी को 18 सीटें देने के लिए राजी हो गया है.
पंजाब में अगले साल कई अन्य राज्यों के साथ विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. नए केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने पिछले साल बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था, जिसके बाद अब राज्य में नया समीकरण दिखने जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, शनिवार को एसएडी और मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) के बीच गठबंधन का ऐलान होगा. दोनों दल राज्य के अगले चुनाव में साथ उतरने का फैसला कर चुके हैं और कल इसका आधिकारिक ऐलान भी हो जाएगा. बीएसपी और एसएडी के बीच गठबंधन की घोषणा करने के लिए बसपा के महासचिव सतीश मिश्रा भी चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं. कल मिश्रा और अकाली दल नेता सुखबीर बादल गठबंधन की घोषणा करेंगे. राज्य में बड़ी संख्या में दलित वोटर्स के होने की वजह से यह गठबंधन काफी अहम माना जा रहा है. दोनों दलों के बीच चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा भी हो गया है. माना जा रहा है कि अकाली दल अगले चुनाव में बीएसपी को 18 सीटें देने पर राजी हो गया है. अगले चुनाव के लिए साथ उतरने को लेकर पिछले कई दिनों से दोनों पार्टियां के बीच वरिष्ठ स्तर पर बैठकों का दौर लगातार जारी था. हालांकि, मामला सीटों के बंटवारे को लेकर फंसा हुआ था, लेकिन अब उसे भी सुलझा लिया गया है. पिछले काफी समय से दोनों ही पार्टी के वरिष्ठ नेता सुखबीर बादल और मायावती एक दूसरे के साथ संपर्क में थे.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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