नीला जिस्म और चोट के निशान... पढ़ें- सोनाली फोगाट केस से जुड़े सभी अहम सवालों के जवाब
AajTak
सोनाली की मौत के पीछे साजिश की बू पहले ही दिन से आ रही थी. जिसका खुलासा पुलिस को दी गई उस तहरीर में किया गया था, जो खुद सोनाली के भाई रिंकू ढाका ने गोवा के अंजुना पुलिस थाने में दी थी. उस तहरीर में सुधीर और सुखलविंदर पर कई तरह के संगीन इल्जाम लगाए गए हैं.
टिकटॉक स्टार और बीजेपी नेता सोनाली फोगाट की मौत के मामले में ये शक अब पुख्ता होता जा रहा है कि उनका कत्ल किया गया है. सोनाली की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का खुलासा और उनके परिवार के तमाम इल्जाम इस बात की गवाही दे रहे हैं कि सोनाली की मौत के पीछे एक बड़ी साजिश रची गई. यही वजह है कि गोवा पुलिस ने गुरुवार को सोनाली की अस्वाभिक मौत के मामले को मर्डर केस में तरमीम कर दिया. अब लोग जानना चाहते हैं कि आखिर कौन हैं वो दो लोग जो इस साजिश के मास्टरमाइंड बताए जा रहे हैं? क्या हैं उन दोनों पर आरोप? पुलिस ने इस मामले में किन धाराओं का इस्तेमाल किया है? आइए ये सब जानते हैं..
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा सोनाली की मौत के पीछे साजिश की बू पहले ही दिन से आ रही थी. जिसका खुलासा पुलिस को दी गई उस तहरीर में किया गया था, जो खुद सोनाली के भाई रिंकू ढाका ने गोवा के अंजुना पुलिस थाने में दी थी. उस तहरीर में दो लोगों को पर कई तरह के संगीन इल्जाम लगाए गए. जिसकी तस्दीक अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी कर रही है. जिसमें कहा गया कि सोनाली के जिस्म पर कई चोट के निशान हैं. साथ ही उसका शरीर मौत के बाद नीला पड़ गया था. इस मामले को लेकर फोरेंसिक टीम कैमिकल जांच कर रही है. यानी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी तरह से नहीं आई.
दो लोगों पर शक सोनाली के भाई की तहरीर से उन दो लोगों का पर्दाफाश हो गया था. जो इस साजिश के सबसे बड़े आरोपी बताए जा रहे हैं. हम बात कर रहे हैं सोनाली के पीए सुधीर सांगवान और उसके साथी सुखविंदर वासी की. रिंकू ढाका की तहरीर में सोनाली फोगाट के यौन शोषण और उनकी संपत्ति पर कब्जा करने की साजिश के पीछे सुधीर और सुखविंदर का ही हाथ बताया गया. यहां तक कि इन दोनों पर ही उसकी हत्या का आरोप भी लगा है. बीते बुधवार को सोनाली फोगाट के भाई रिंकू ढाका ने अंजुना थाने के एसएचओ को संबोधित 4 पेज की तहरीर दी थाने में दी थी. जिसमें उन्होंने सोनाली के पीए सुधीर सांगवान और उसके साथी सुखविंदर पर गंभीर आरोप लगाए थे, जो अब सच साबित होते नजर आ रहे हैं.
2019 में सोनाली से मिले थे सुधीर और सुखविंदर दरअसल, अंजुना थाना पुलिस को दी गई तहरीर में रिंकू ने लिखा है कि जब 2019 में सोनाली आदमपुर विधान सभा से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही थी. तब कार्यकर्ता के तौर पर सुधीर सांगवान और सुखविंदर उनके पास आए थे. इसके बाद सुधीर ने सोनाली के पीए के तौर पर काम करना शुरू कर दिया. सोनाली सुधीर और सुखविंदर पर भरोसा करने लगी थी.
सुधीर पर बहुत भरोसा करती थी सोनाली जब सुधीर पीए के तौर पर काम करने लगा, तो उसके कुछ समय बाद ही उसने सोनाली के घर में काम करने वाले कुक और नौकरों को हटा दिया था. वो खुद सोनाली के लिए खाने का इंतजाम करता था. रिंकू ने तहरीर में लिखा कि 3 माह पहले उसके पास सोनाली का फोन आया था, उसने बताया कि सुधीर ने उसे खाने के लिए खीर दी थी. जिसे खाने के बाद उसके हाथ पैर कांपने लगे और वो काम नहीं कर रहे थे. जब इस बारे में उसने सुधीर से पूछा तो उसने गोल माल जवाब दिया. तहरीर के अनुसार, सोनाली अपना सारा लेन-देन, कागजी कार्रवाई पीए के होने के नाते सुधीर के माध्यम से ही करती थी. वो सुधीर के लाए किसी भी कागजात को पढ़े बिना ही साइन कर दिया करती थी.
सोनाली ने जीजा को बताई थी आपबीती रिंकू तहरीर में आगे लिखते हैं कि 22 अगस्त 2022 की शाम उनकी बहन सोनाली फोगाट ने उनके छोटे जीजा अमन पूनियां को फोन किया और बताया कि सुधीर ने उसे खाने में कुछ मिलाकर दिया है. जिसकी वजह से उनके शरीर में बैचेनी और घबराहट हो रही है. सोनाली ने अमन से कहा कि 2021 में संतनगर हिसार में उनके घर जो चोरी हुई थी, वो सुधीर ने अपने दोस्त के साथ मिलकर की थी. इस बारे में वो हिसार लौटकर पुलिस को बताएंगी और सुधीर को कड़ी सजा दिलाएंगी.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.