निकाह के 2 घंटे बाद ही दिया तीन तलाक, बीवी को गार्डन में ही छोड़ गया शौहर; 7 लोगों पर FIR दर्ज
AajTak
Agra News: दूल्हे की इस हरकत के बाद दुल्हन के परिवार में हड़कंप मचा हुआ है. परिवार के सदस्य बेहद परेशान हैं. प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि शिकायत मिलने पर केस दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच जारी है.
उत्तर प्रदेश के आगरा में दहेज लोभी ने कार न मिलने पर दुल्हन को निकाह के 2 घंटे बाद तीन तलाक दे दिया. दुल्हन को निकाह के मंडप में छोड़कर बारात वापस लेकर चला गया. दुल्हन के भाई ने दहेज लोभियों के खिलाफ थाना ताजगंज में मुकदमा दर्ज कराया है. मुकदमे में पति आसिफ, सास मुन्नी, ससुर परवेज, देवर सलमान, ननद रुखसार, नजराना और फरीन को नामजद कराया है.
बताया जा रहा है कि शहर में ढोलीखार मंटोला के रहने वाले मुस्लिम परिवार की बेटियों का निकाह अमन और आसिफ के साथ हुआ था. बीते बुधवार को ही फतेहाबाद रोड स्थित प्रियांशु गार्डन में यह समारोह संपन्न हुआ. गौरी को अमन ने अपनी बीवी के रूप में कुबूल किया और परिजनों ने रीति रिवाज के तहत उसकी विदाई कर दी.
वहीं, उसी गार्डन में छोटी बेटी डौली का निकाह भी गुरुवार सुबह 4 बजे आसिफ के साथ संपन्न हुआ. निकाह के बाद आसिफ और उसके परिजनों ने दहेज में कार की मांग शुरू कर दी. अचानक सामने आई मांग से दुल्हन के परिजन घबरा गए. दूल्हे को मनाने के लिए लाख मिन्नतें की गईं, लेकिन दहेज लोभी दूल्हे ने किसी की एक न सुनी और नई नवेली दुल्हन को तीन बार तलाक बोलकर मैरिज होम से चला गया.
दूल्हे की इस हरकत के बाद दुल्हन के परिवार में हड़कंप मचा हुआ है. परिवार के सदस्य बेहद परेशान हैं. प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि शिकायत मिलने पर केस दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच जारी है.
SC ने तीन तलाक को घोषित किया था असंवैधानिक
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने 22 अगस्त 2017 को अपने फैसले में तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया था. शीर्ष अदालत ने 1400 साल पुरानी प्रथा को असंवैधानिक करार दिया था और सरकार से कानून बनाने के लिए कहा था. अदालत के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने कानून बनाया और एकसाथ तीन बार तलाक बोलकर या लिखकर निकाह खत्म करने को अपराध की श्रेणी में लाई. इस अपराध के लिए अधिकतम तीन साल कैद की सजा का प्रावधान भी है.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.