
नागा साधुओं के रहस्यों का अनावरण: महाकुंभ के आध्यात्मिक प्रतीक
AajTak
नागा साधु विभिन्न अखाड़ों या मठवासी संप्रदायों के सदस्य हैं और उन्होंने सभी भौतिक सुख-सुविधाओं का त्याग करके आध्यात्मिक ज्ञान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है. उनकी विशिष्ट उपस्थिति उनके नग्न शरीर से पहचानी जाती है, जो अक्सर राख से ढके होते हैं, जो सांसारिक संपत्ति और इच्छाओं के उनके त्याग का प्रतीक है.
भारत में हर 12 साल में आयोजित होने वाला भव्य आध्यात्मिक समागम महाकुंभ मेला दुनिया भर से लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है. इस भीड़ में रहस्यमयी नागा साधु भी शामिल होते हैं, जो अपनी विशिष्ट उपस्थिति और रीति-रिवाजों के कारण अनिवार्य रूप से आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं.
नागा साधु विभिन्न अखाड़ों या मठवासी संप्रदायों के सदस्य हैं और उन्होंने सभी भौतिक सुख-सुविधाओं का त्याग करके आध्यात्मिक ज्ञान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है. उनकी विशिष्ट उपस्थिति उनके नग्न शरीर से पहचानी जाती है, जो अक्सर राख से ढके होते हैं, जो सांसारिक संपत्ति और इच्छाओं के उनके त्याग का प्रतीक है.
इतिहास
भारत का इतिहास विविध धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं से समृद्ध है, विशेष रूप से शैव धर्म से उभरे संप्रदाय, हिंदू धर्म के सबसे पुराने रूपों में से एक है जो भगवान शिव को सर्वोच्च देवता के रूप में पूजता है. इन संप्रदायों में, नागा साधु अपने प्राचीन मूल और भारतीय आध्यात्मिक प्रथाओं पर गहन प्रभाव के लिए उल्लेखनीय हैं.
जब सिकंदर महान ने 326 ईसा पूर्व के आसपास भारत पर आक्रमण किया, तो उसे विभिन्न धार्मिक संप्रदायों का सामना करना पड़ा. ऐतिहासिक साक्ष्य और कुछ इतिहासकारों का सुझाव है कि नागा साधु, जो अपनी कठोर, तपस्वी प्रथाओं के लिए जाने जाते हैं, इन समूहों में से थे. यह दर्शाता है कि भारत में उनकी उपस्थिति महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं और शासकों से पहले की है, जो भगवान शिव की दिव्य आकृति के साथ जुड़ी एक लंबी परंपरा को दर्शाती है, जो इसे भारत के ऐतिहासिक धार्मिक परिदृश्य में आधारशिला बनाती है.
"नागा" शब्द अपने आप में दिलचस्प है, कुछ विद्वानों का मानना है कि इसकी उत्पत्ति संस्कृत शब्द 'पहाड़' से हुई है, जिसका अर्थ है 'पहाड़ी' या 'नागा' कहे जाने वाले पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोग. यह व्युत्पत्ति संबंधी विकास इन तपस्वी समुदायों की भौगोलिक और सांस्कृतिक जड़ों को दर्शाता है. दिगंबर जैन, जो अपनी आकाश-वस्त्र (नग्न) परंपरा के लिए जाने जाते हैं, कुछ दार्शनिक और तपस्वी समानताएँ भी साझा करते हैं, जो संभावित साझा उत्पत्ति या कम से कम पूरे इतिहास में आपसी प्रभाव का सुझाव देते हैं.

राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने विधानसभा में बिल को रखा. इस बिल में कोचिंग संस्थानों पर कड़ी निगरानी रखेंगे और नियंत्रण रखने के कठोर प्रावधान किए गए है. संस्थानों के फीस को रेगुलेट किया जाएगा, जिससे कोचिंग इंस्टीट्यूट्स मनमाने तरीके से फीस नहीं वसूल पाएंगे. अगर कोई छात्र पढ़ाई बीच में छोड़कर जाना चाहता है तो उसे बाकि की बची हुई पढ़ाई की फीस लौटानी होगी.

Haier AI climate control AC: हायर ने भारतीय बाजार में अपनी नई AI फीचर्ड AC रेंज लॉन्च कर दी है. इसमें AI बेस्ड क्लाइमेट कंट्रोल फीचर मिलता है. इसकी वजह से यूजर्स को कम बिजली खर्च में ज्यादा बेहतर कूलिंग मिलेगी. इसके अलावा आप इन AC में बिजली की खपत को भी मॉनिटर कर पाएंगे. आइए जानते हैं इनकी खास बातें.

नौकरी को लेकर हम अक्सर परेशान रहते हैं. अक्सर ही तमाम प्रयासों के बावजूद भी नौकरी में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में मंगलवार को हनुमान मंदिर में सिंदूर अर्पित करें. पान, सुपारी, लौंग, नारियल, लाल फल चढ़ाएं. हनुमान चालीसा का पाठ करें. हनुमान जी की आरती करें. गरीबों को प्रसाद बांटें. मनोकामना पूर्ति की प्रार्था करें.