
'...नहीं तो हमारे लोकतंत्र का भविष्य खतरे में...', मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी पर फिर बोले मुइज्जू
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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू बार-बार अपने देश से भारतीय सैनिकों की वापसी का मुद्दा उठाते रहे हैं. एक बार फिर उन्होंने मालदीव के लोकतंत्र की दुहाई देते हुए भारत से कहा है कि वो अपने सैनिकों को मालदीव से निकाल ले.
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से ही भारतीय सैनिकों की वापसी को लेकर भारत-मालदीव के रिश्ते निचले स्तर पर हैं. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने एक बार फिर मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों की वापसी का मुद्दा उठाया है. मुइजू ने कहा है कि भारत मालदीव के लोकतांत्रिक इच्छा का सम्मान करे और अपनी सेना वापस बुला ले.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुइज्जू ने कहा कि अगर भारत ने अपनी सेनाएं वापस नहीं लीं तो यह मालदीव के लोगों की 'लोकतांत्रिक इच्छा' की अवहेलना और लोकतंत्र के भविष्य को खतरे में डालने जैसा होगा.
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए मुइज्जू ने कहा, 'मालदीव के लोगों को मालदीव में विदेशी सैन्य कर्मियों की तैनाती बिल्कुल पसंद नहीं है. फिलहाल, केवल भारत की सेनाएं ही मालदीव में हैं. मालदीव के लोगों के आदेश का सम्मान करने के लिए, मैंने भारत से अपने सैनिकों को वापस बुलाने का अनुरोध किया है.'
मुइज्जू ने आगे कहा, 'अगर हमारे साझेदार (भारत) मालदीव के अधिकांश लोगों की इच्छा की उपेक्षा करते हैं, तो देश में लोकतंत्र का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा.'
इसके साथ ही मुइज्जू ने कहा कि संसदीय मंजूरी के बिना विदेशी सैनिकों की मौजूदगी संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.
भारत के साथ बातचीत पर मुइज्जू को भरोसा

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