नवाब मलिक ने जमीन के बदले हसीना पारकर को पैसे दिए, पारकर ने दाऊद को, ED की चार्जशीट जल्द
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Chargesheet Against Nawab Malik: ईडी को पता चला है कि कुर्ला में नवाब मलिक द्वारा दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर और 1993 के सीरियल ब्लास्ट के आरोपी सरदार खान से 2.75 एकड़ का प्लॉट खरीदा गया. इसके लिए निश्चित राशि भी दी गई.
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) इस हफ्ते मनी लॉन्ड्रिंग केस में एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर सकती है. मलिक को 23 फरवरी को ईडी ने गिरफ्तार किया था. उन पर दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों- हसीना पारकर, सलीम पटेल और सरदार खान के साथ मिलकर मुंबई के कुर्ला में मुनीरा प्लंबर की पैतृक संपत्ति को हड़पने के लिए एक आपराधिक साजिश रचने का आरोप है. इसके अलावा ईडी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में मलिक के खिलाफ जांच कर रही है.
जांच के दौरान ईडी को पता चला है कि कुर्ला में नवाब मलिक द्वारा दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर और 1993 के सीरियल ब्लास्ट के आरोपी सरदार खान से 2.75 एकड़ का प्लॉट खरीदा गया. इसके लिए निश्चित राशि भी दी गई.
ईडी का आरोप है कि नवाब मलिक ने जो पैसा दिया, उसे हसीना पारकर द्वारा दाऊद इब्राहिम को दिया गया. उसका इस्तेमाल टेरर फंडिंग में किया गया. यह डील 2003 से 2005 के बीच में हुई. इसके बाद से यह जमीन कई किराएदारों को मलिक द्वारा दी गई. मलिक और उनके द्वारा संचालित की जाने वाली फर्म और उनके परिवार के लोगों ने इस प्रॉपर्टी से 11.70 करोड़ रुपए की कमाई की.
इस मामले में एनआईए ने 3 फरवरी 2022 को केस दर्ज किया था. इसके बाद ED ने मामले में दाऊद इब्राहिम और अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की. एफआईआर में दाऊद इब्राहिम कासकर, हाजी अनीस उर्फ अनीस इब्राहिम शेख, शकील शेख उर्फ छोटा शकील, जावेद पटेल उर्फ जावेद चिकना, इब्राहिम मुश्ताक अब्दुल रज्जाक मेमन उर्फ टाइगर मेमन को आरोपी बनाया गया है. प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि दाऊद इब्राहिम ने भारत छोड़ने के बाद, भारत में अपनी आपराधिक गतिविधियों को करीबी सहयोगियों जैसे हसीना पारकर और दूसरे लोगों के माध्यम से नियंत्रित किया.
ईडी को जांच में पता चला है कि नवाब मलिक ने मेसर्स सॉलिडस इन्वेस्टमेंट कंपनी के जरिए मुनीरा प्लंबर की संपत्ति हड़प ली गई थी. इस कंपनी को नवाब मलिक के परिवार के सदस्य ऑपरेट करते थे, जबकि कंट्रोल नवाब मलिक के पास था. कंपनी में हसीना पारकर सहित डी-गैंग के सदस्यों की मिलीभगत भी थी. संपत्ति हड़पने के लिए, हसीना पारकर और नवाब मलिक ने एक साथ आपराधिक कृत्य के लिए कई कानूनी दस्तावेज बनाए.
मनी लॉन्ड्रिंग जांच से पता चला कि मुनीरा एस. प्लंबर और उसकी मां मरियमबाई की संपत्ति अवैध रूप से कब्जाई गई थी. नवाब मलिक के नियंत्रण वाली सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और हसीना पारकर, सरदार शाहवली खान, सलीम पटेल और नवाब मलिक ने गोवावाला में अवैध रूप से संपत्ति हड़पी थी. इसमें भवन सहित तीन एकड़ जमीन शामिल है. इन लोगों ने मुनीरा प्लंबर और उसकी मां मरियम गोवावाला की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मैसर्स सॉलिडस इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत करवाकर अवैध रूप से स्थानांतरित कर दिया.
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