ननकाना साहिब में वैशाखी मेला...वाघा बॉर्डर पार कर पाकिस्तान पहुंचे 2500 भारतीय सिख
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पाकिस्तान में वैशाखी मेला आयोजित किया जा रहा है. इस महोत्सव में शामिल होने के लिए करीब 2500 भारतीय रविवा को पाकिस्तान पहुंचे. ये सभी वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान में दाखिल हुए. उन्हें अभी ननकाना साहिब भेजा गया. मुख्य कार्यक्रम 14 अप्रैल को गुरुद्वारा पंजा साहिब हसन अब्दल में होगा.
पाकिस्तान में 'वैशाखी मेला' उत्सव में भाग लेने के लिए करीब 2,500 सिख तीर्थयात्री रविवार को भारत से वाघा सीमा के रास्ते पड़ोसी मुल्क पहुंचे हैं. इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने मीडिया को बताया, "सिख त्योहार बैशाखी के समारोह में भारत से 2,470 तीर्थयात्री प्रबंधक समिति शिरोमणि गुरुद्वारा के सरदार अमरजीत सिंह के नेतृत्व में यहां पहुंचे." ईटीपीबी पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के पवित्र स्थलों की देखभाल करता है.
ननकाना साहब पहुंचे सिख श्रद्धालु ईटीपीबी के अध्यक्ष हबीबुर रहमान गिलानी और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के प्रधान सरदार अमीर सिंह ने वाघा सीमा पर तीर्थयात्रियों की अगवानी की.हाशमी ने कहा कि सिख तीर्थयात्रियों को कड़ी सुरक्षा के बीच ननकाना साहिब भेजा गया, जहां वे बाबा गुरु नानक की जन्मस्थली पर धार्मिक अनुष्ठान करेंगे. उन्होंने कहा, "मुख्य कार्यक्रम 14 अप्रैल को गुरुद्वारा पंजा साहिब हसन अब्दल में होगा, जिसमें विभिन्न राजनीतिक, धार्मिक और सिख नेता भाग लेंगे."
किए गए हैं खास प्रबंध उन्होंने कहा कि तीर्थयात्री 18 अप्रैल को भारत रवाना होने से पहले फारूकाबाद, करतारपुर, रोहरी साहिब, अमीनाबाद भी जाएंगे. गिलानी ने कहा कि सिख यात्रियों के लिए सभी प्रबंध बेहतरीन तरीके से किए गए हैं और उन्हें सुरक्षा, चिकित्सा और यात्रा व्यवस्था के साथ अन्य सभी प्रशासनिक व्यवस्थाएं मुहैया कराई जाएंगी. एसजीपीसी नेता अमरजीत सिंह भलीपुर ने कहा कि सिख तीर्थयात्रियों ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने दोनों पक्षों के तीर्थयात्रियों के लिए वीजा में आसानी पर भी जोर दिया.
14 अप्रैल को मनेगी वैशाखी बैसाखी (वैशाखी) का त्योहार वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है. इसे वैसाखी या बैसाखी कहा जाता है भारत के 'फसल के मौसम' के रूप में भी जाना जाता है. बैसाखी हर साल 13 या 14 अप्रैल को मनाई जाती है. इस साल यानी साल 2022 में बैसाखी 14 अप्रैल को मनाई जाएगी. त्योहार को पंजाब और हरियाणा राज्य में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. यह दिन एक नए साल की शुरुआत का भी प्रतीक है. मान्यताओं के मुताबिक, कहा जाता है कि बैसाखी हिंदू कैलेंडर के अनुसार नए साल का पहला दिन है.
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