नंबरों की हेराफेरी का नटवरलाल कौन? NEET में धांधली के आरोपों के बीच उठ रहे 7 सवाल
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देश के कोने-कोने से इन दिनों NEET परीक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी आज ये कहा है कि जितनी शिकायतें देश भर से आ रही हैं, उससे लग रहा है कि मामला गड़बड़ है.नीट की विश्वसनीयता और शुचिता पर सवाल उठ रहे हैं. आइए जानते हैं कि नीट मामलों के एक्सपर्ट और परीक्षा में शामिल हुए छात्र क्या सवाल उठा रहे हैं.
डॉक्टर का सम्मानित पेशा पाने के लिए छात्र दिन-रात मेहनत करते हैं. इस धरती पर ईश्वर का दूसरा रूप कहे जाने वाले डॉक्टर NEET जैसी कठिन परीक्षा से गुजरकर इस मंजिल तक पहुंच पाते हैं. लेकिन जिस तरह NEET परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की शुचिता पर सवाल उठे हैं, वो तमाम मासूम सपनों को तोड़ने वाले हैं.
नीट परीक्षा देने वाले बच्चे किसी मेडिकल कॉलेज की काउंसिलिंग की लाइन में न होकर सड़कों पर खड़े होकर न्याय मांग रहे हैं. तमाम मामले सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके हैं. इस पर आजतक ने कई एक्सपर्ट और बच्चों से बातचीत की जिसमें नंबरों की हेराफेरी पर चर्चा की गई. इस हेराफेरी का नटवर लाल कौन है? NEET में धांधली के आरोपों के बीच उठ रहे ये सात सवाल एनटीए को शक के घेर में खड़ा करते हैं.
1. NTA ने माना था कि सिर्फ एक सेंटर में दिक्कत हुई तो इतने स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स क्यों दिए? फिजिक्स वाला संस्था के संस्थापक अलख पांडेय कहते हैं कि पांच मई को जिस दिन नीट का पेपर था. उसी शाम को एनटीए ने प्रेस रिलीज निकालकर कहा था कि सवाई माधोपुर के परीक्षा केंद्र में ही सिर्फ दिक्कत हुई थी, इसके अलावा किसी सेंटर का जिक्र नहीं किया.अब सवाल यह है कि आखिर ग्रेस मार्क्स क्यों दिए गए. जिसके कारण 67 बच्चों को फुल मार्क्स दिए गए. एक ही सेंटर के 6 बच्चों के फुल मार्क्स दिए गए, इसके पीछे भी एनटीए ग्रेस मार्क्स का तर्क दे रहा है.
2. जो बच्चे सही में मेहनत करके अच्छे नंबर लाए हैं उनका क्या होगा? मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व सदस्य डॉ अजय कुमार ने कहा कि मैं पहले एनबीई का भी सदस्य था जो नीट पीजी परीक्षा कराती थी. तब धांधली के कई मामले आते थे. उसके बाद ये काम टीसीआई को दिया गया, जिसके बाद पिछले पांच वर्षों से कोई घटना सामने नहीं आई. जो प्रकिया नीट पीजी के लिए अपनाई जाती है, वही नीट यूजी के लिए किया जाता है. यहां तो पूरा का पूरा घपला लगता है. अब एनटीए वाले अपना फेस बचाने के लिए क्या क्या बोल रहे हैं. अगर उन 67 बच्चों को बैठाकर सेम पेपर दे दिया जाए फिर देखिए क्या होता है. अब इसकी जांच किसी और एजेंसी से कराए तो सारा खेल पता चल जाएगा. इस सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि जो बच्चे सही में मेहनत करके अच्छे नंबर लाए हैं उनका क्या होगा. जो बच्चे इमानदारी से नंबर लाए हैं उन पर क्या बीत रही है.
3. स्टूडेंट 20 प्रतिशत बढ़े लेकिन रैंक अचानक चार गुना बढ़ गई, कैसे? कोटा से नीट की छात्रा स्तुति सक्सेना ने कहा कि इस साल मेरे 643 नंबर आ रहे हैं जो कि सेफ स्कोर माना जाता रहा है. इस हिसाब से मेरी दस हजार रैंक आनी चाहिए जो कि 35 हजार के करीब आई है. इस साल जिस तरह रैंक तीन चार गुना बढ़ गई हैं इससे तो दिल्ली में इस साल 650 में भी नहीं मिल पाएगा जबकि पहले 620 में मिल जाता था.अब इस बढ़ी रैंक के कारण एडमिशन कहां मिल सकेगा.
4. मेरे सेंटर में 40 मिनट लेट पेपर मिला, मुझे ग्रेस मार्क्स क्यों नहीं मिले? जयपुर के छात्र आयुष ने बताया कि सेंटर में हमें जो पेपर मिला था वो 2 बजकर 40 मिनट पर शुरू हुआ. मेरी ओएमआर पर इनविजिलेटर के सिग्नेचर हुए. 2.30 ओएमआर मिली, 2.40 से पेपर शुरू हुआ. फिर भी मुझे कोई ग्रेस मार्क्स नहीं मिले. मेरे 646 नंबर मिले हैं 720 में. मुझे भी ग्रेस मिलना चाहिए या सबका हटाया जाए. इस सेंटर में तो लिखा पढ़ी में ये बात सबको पता है कि पेपर लेट हुआ.
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