
दो दशक में 2500 आपदाएं, 40 बड़े संघर्ष, 2 अरब लोग शिकार... डराती रही हैं तुर्की-सीरिया, यूक्रेन जैसी तबाहियां
AajTak
मुल्क कोई भी हो लेकिन युद्ध या प्राकृतिक आपदाएं मुसीबतों का अंतहीन सिलसिला आम आदमी के लिए ही लेकर आती हैं. आज तुर्की-सीरिया के भूकंप हों या यूक्रेन-यमन-अफगानिस्तान की लड़ाई लाखों-करोड़ों लोग तबाही का सामना करने को मजबूर हैं. हजारों लोग बेघर हो गए हैं, हजारों की जिंदगियां छिन गईं तो लाखों घायल लोग अपने जख्मों पर मरहम का इंतजार कर रहे हैं.
प्राकृतिक आपदाएं, युद्ध, संघर्ष, हिंसा, आतंकवाद, ह्यूमैन ट्रैफिकिंग... दुनिया भर में जिस मुल्क को देखा जाए इनमें से किसी न किसी समस्या से लोग जूझ रहे हैं. अभी हाल में तुर्की और सीरिया में आए भीषण भूकंप ने ऐसी तबाही मचाई है कि 10 शहर एकदम से तबाह हो गए हैं, मलबों के ढेर में बदल गए हैं और 41 हजार पार मौतें हुई हैं. और अभी मलबों में से लाशें निकलने का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा.
तुर्की में तबाही कितनी बड़ी? अकेले तुर्की में इस आपदा से प्रभावित होने की संख्या तकरीबन डेढ़ करोड़ है. 12 हजार इमारतें पूरी तरह गिर गई हैं और एक लाख के अधिक मकानों को नुकसान पहुंचा है. हजारों लोग बेघर हो गए हैं और कड़कड़ाती सर्दी के बीच टेंटों में और खुले आसमान के नीचे सड़कों पर जीवन बिताने को मजबूर हैं. तुर्की की एजेंसी केसीसी के अनुसार इस बार दो बार आए भूकंप के झटकों से तुर्की को अगर देखा जाए तो 2.4 बिलियन डॉलर के आर्थिक नुकसान का अनुमान है.
तुर्की के इस भूकंप प्रभावित जोन में 2 लाख 14 हजार प्रेग्नेंट महिलाएं हैं जिन्हें मेडिकल इमरजेंसी और दवाओं की किल्लत के इस मुश्किल हालात के बीच अब डिलिवरी की मुश्किलों से गुजरना होगा.
यूक्रेन युद्ध के एक साल इसी तरह यूक्रेन-रूस युद्ध भी चलते हुए एक साल इसी हफ्ते होने को हैं. इस युद्ध से भी अब तक क्या हासिल हुआ है?- 10 हजार से अधिक लोगों की मौतें, कई लाख लोग घायल, 70 लाख से अधिक लोग विस्थापित और शहर-शहर में बमबारी से तबाही.
भारत में भी हाल में जोशीमठ संकट ने डराया हाल ही में, भारत में भी उत्तराखंड के जोशीमठ में पहाड़ों के खिसकने से घरों में आई दरारों ने सैंकड़ों लोगों को बेघर कर दिया. इतना ही नहीं कर्णप्रयाग, चमोली समेत कई अन्य शहरों में भी प्राकृतिक आपदा के भय ने लोगों को भयभीत कर दिया. जोशीमठ की घटना ने आधुनिक विकास और पहाड़ों से पलायन के दर्द को फिर से उभार दिया.
दुनियाभर में आपदाओं की त्रासदी कितनी बड़ी? यूएनईपी के आंकड़े बताते हैं कि पिछले दो दशकों में दुनिया भर में 2500 से अधिक आपदाएं और कई देशों में युद्ध समेत संघर्ष की 40 बड़ी घटनाएं हुई हैं. जिसका बुरा असर दुनियाभर में 2 अरब से अधिक लोगों पर हुआ है. यूएन का आकलन है कि इस हालात ने गरीबी हटाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के तमाम प्रयासों को विफलता की कगार पर लाकर रख दिया है. इससे शांति स्थापना की कोशिशों को सफल बनाना भी मुश्किल हो गया है, और अस्थिरता, विस्थापन, हिंसा आदि को इससे और बढ़ावा मिला है.

ट्रंप के बारे में ये जान लेना जरूरी है कि वह कारोबारी पहले हैं और राष्ट्रपति बाद में. America First और Make America Great Again की पॉलिसी लेकर दूसरी बार अमेरिकी सत्ता पर काबिज हुए ट्रंप का मुख्य एजेंडा ट्रेड और टैरिफ है. ट्रंप यूरोप से खफा है क्योंकि उनका मानना है कि यूरोप को अमेरिका से फायदा हो रहा है लेकिन अमेरिका को यूरोप से कोई खास लाभ नहीं मिल रहा.

यूक्रेन के पड़ोसी पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा यूक्रेन के साथ यूरोपीय देशों की सेना में 2.6 मिलियन सैनिक हैं, जबकि अमेरिका के पास 1.3 मिलियन, चीन के पास 2 मिलियन और रूस के पास 1.1 मिलियन सैनिक हैं. यूरोप अगर गिनना जानता है तो उसे खुद पर भरोसा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यूरोप वर्तमान में

बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त नासिर उद्दीन ने इशारों-इशारों में कहा कि कोई भी चुनाव में धांधली कर भले ही जीत जाए, लेकिन इतिहास बताता है कि ऐसी जीत ज्यादा समय तक टिकती नहीं है. यह टिप्पणी उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के संदर्भ में की, जो लगातार चार बार चुनाव जीतने के बाद अगस्त 2024 में जनविरोध प्रदर्शनों के चलते सत्ता से बेदखल हो गई थीं.

मौजूदा ग्लोबल समीकरणों और बढ़ते जियो-पॉलिटिकल तनावों के चलते पाकिस्तान का सैन्य नेतृत्व अब ब्रिटेन के साथ संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, जैसे-जैसे पाकिस्तान बीजिंग के साथ अपने संबंधों को और गहरा कर रहा है, उसके पारंपरिक संबंध, खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ तनावपूर्ण होते दिख रहे हैं.

अमेरिका के न्यू जर्सी में एक फेडेक्स कार्गो विमान के इंजन में पक्षी टकराने से आग लग गई. विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में उड़ान के दौरान विमान के इंजन से निकलती आग की लपटें साफ दिखाई दे रही हैं. हालांकि, इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. देखें...

जखारोवा ने कहा कि जेलेंस्की 'युद्ध को लंबा खींचने की सनक से ग्रस्त' हैं और मॉस्को के लक्ष्य अब भी 'यूक्रेन का विसैन्यीकरण (demilitarization) और रूस द्वारा कब्जा किए गए सभी क्षेत्रों का आधिकारिक अधिग्रहण' बने हुए हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि, 'वॉशिंगटन में जेलेंस्की के असभ्य और अशोभनीय व्यवहार ने यह साबित कर दिया कि वह वैश्विक समुदाय के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं, क्योंकि वह एक बड़ी जंग के गैर-जिम्मेदार उकसाने वाले हैं.'