दुनिया को हम भारतीयों से ये बात जरूर सीखनी चाहिए, वरना संकट में पड़ सकता है भविष्य!
Zee News
चारे के लिए बड़ी संख्या में जंगल काटे जा रहे हैं. जिसके चलते जंगली जानवरों के बसेरे खत्म हो रहे हैं, जो कि इंसानों की बस्तियों का रुख कर रहे हैं.
नई दिल्लीः भारत में ऐसी कई बातें हैं, जिनसे दुनियाभर के देश सीख ले सकते हैं. लेकिन यहां हम एक ऐसी खूबी के बारे में बता रहे हैं, जिसे अगर दुनिया के अन्य देश भी अपना लें तो हम अपनी प्रकृति को काफी हद तक बचा सकते हैं. ये खूबी है शाकाहार की. एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रत्येक व्यक्ति सालाना औसतन करीब 3 किलो मीट खाता है. वहीं रूस में यह आंकड़ा 76 किलो और अमेरिका में प्रति व्यक्ति सालाना मीट की खपत 127 किलो है. मांसाहार का बढ़ता चलन पैदा कर रहा गंभीर संकट आजकल दुनिया भर में मांसाहार का बढ़ता चलन समस्या को और गंभीर बना रहा है. डायचे वेले की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 1960 में इस दुनिया में प्रतिव्यक्ति मीट की सालाना खपत 23 किलो थी, जो आज बढ़कर प्रति व्यक्ति सालाना 46 किलो हो गई है. जो कि 1960 के मुकाबले दोगुना है. यकीनन आबादी भी बढ़ी है लेकिन मांसाहार की खपत बढ़ने की कीमत पूरी पृथ्वी को चुकानी पड़ रही है.More Related News
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