दिल्ली वाले पुरानी गाड़ियों को भी करवा सकेंगे इलेक्ट्रिक, केजरीवाल सरकार ला रही है स्कीम
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दिल्ली में लोग अपनी डीजल और पेट्रोल गाड़ियों को इलेक्ट्रिक करवा सकेंगे. इसके लिए दिल्ली सरकार नई स्कीम ला रही है. गाड़ी को इलेक्ट्रिक करवाने के बाद गाड़ी की लाइफ 5 साल और बढ़ जाएगी. दरअसल दिल्ली में वर्तमान में डीजल की 10 साल और पेट्रोल की 15 साल पुरानी गाड़ियों को चलाने पर पाबंदी है.
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और लगातार महंगे होते पेट्रोल-डीजल की वजह से अब इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर लोगों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है. इसी बीच दिल्ली के लोगों के लिए राहत भरी खबर है. क्योंकि दिल्ली की केजरीवाल सरकार एक नई योजना लेकर आने वाली है, इसके तहत अब दिल्ली में लोग अपनी पुरानी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक व्हीकल के रूप में अपडेट करवा सकेंगे.
नई स्कीम को लेकर दिल्ली सरकार जल्द ही रेट्रोफिटमेंट सेवा शुरू करने जा रही है. इस व्यवस्था के बाद दिल्ली के उन लोगों को लाभ होगा, जो अभी पाबंदी के चलते अपनी डीजल गाड़ियों का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. गाड़ी को इलेक्ट्रिक करवाने के बाद गाड़ी की लाइफ 5 साल और बढ़ जाएगी. दरअसल दिल्ली में वर्तमान में डीजल की 10 साल और पेट्रोल की 15 साल पुरानी गाड़ियों को चलाने पर पाबंदी है.
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने जून में ही पेट्रोल और डीजल वाहन मालिकों को रेट्रोफिटमेंट के जरिए अपनी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक करवाने का आदेश जारी कर दिया था. दिल्ली के परिवहन विभाग की ओर से एनआईसी के साथ मिलकर एक सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है. इसके जरिए पुराने वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में तब्दील करने वाली कंपनियों की जानकारी समेत खर्च और रजिस्ट्रेशन की इन्फॉर्मेशन भी मिल सकेगी.
इलेक्ट्रिक गाड़ियों की रेट्रोफिटमेंट सेवाओं को भी फैसलेस बनाया जा रहा है. इसके लिए एक पोर्टल भी लॉन्च किया गया है. इसमें सबसे पहले डीजल गाड़ियों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों के रूप में तब्दील करवाने के लिए रेट्रोफिटमेंट के मॉड्यूल को पोर्टल में ऑनलाइन अपडेट किया जाएगा. इसके बाद लोग रेट्रोफिटमेंट सेंटरों के जरिए अपनी पुरानी डीजल गाड़ियों को इलेक्ट्रिक व्हीकल के रूप में तब्दील करवा सकेगे.
लोगों को अपनी डीजल गाड़ी में इलेक्ट्रिक व्हीकल किट लगवाने के लिए लोगों को पहले दिल्ली सरकार द्वारा अधिकृत रेट्रो फिटमेंट सेंटर पर जाना होगा. सेंटर द्वारा डीजल कार में लगाई जाने वाली किट की जानकारी वाहन पोर्टल पर अपडेट की जाएगी. जिसे संबंधित क्षेत्र के आरटीओ अधिकारी की ओर से वैरिफाई किया जाएगा. इस दौरान लोगों को अपनी गाड़ी आरटीओ ऑफिस भी ले जानी होगी.
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