दिल्ली-मेरठ टोल चार्ज बढ़ने पर बोले जयंत चौधरी, किस आधार पर बढ़ा दिया रेट
AajTak
दिल्ली मेरठ टोल के दाम बढ़ने पर रालोद नेता कहा कि एक अप्रैल से दाम बढ़ाए जाने का मतलब समझ से परे है. बता दें कि अब वाहन चालकों को एक अप्रैल से 155 रुपये टोल का भुगतान करना पड़ेगा.
अब दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर 1 अप्रैल से वाहन चलाना महंगा हो जाएगा. एनएचएआई से मंजूरी मिलने के बाद सराय काले खां से मेरठ तक 155 रुपये प्रति कार एक तरफ से टोल देना होगा. लेकिन इस टोल वृद्धि को लेकर रालोद नेता जयंत चौधरी ने सवाल उठाया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि इस मूल्य वृद्धि का कारण क्या है. कि एक अप्रैल से टोल वसूला जाना है.
जयंत ने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या वाहनों की आवाजाही मंत्रालय के अनुमान से कम है. इसलिए टोल बढ़ाया जा रहा है. साथ ही कहा कि जब एक बार दाम तय हो गए और कॉन्ट्रैक्ट हो चुका है तो फिर यूं अचानक टोल बढ़ाने का क्या औचित्य है.
What is the reason for this price increase? The toll was to be charged from 1st April. Is the traffic volume lower than what the Ministry & Concessionaire estimated? Once contract has been given to maintain the stretch, what is the imperative to hike toll? https://t.co/ERLKON9h6O
बता दें कि सराय काले खां से मेरठ में काशी टोल प्लाजा तक टोल वसूली के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बीते साल ही नोटिफिकेशन जारी कर चुका है. अब दरों में 10 से 15% की बढ़ोतरी की गई है. पहले सराय काले खां से मेरठ के काशी टोल तक 140 रुपये टोल शुल्क तय किया गया था, लेकिन एक अप्रैल से यह बढ़कर 155 रुपये हो जाएगा. साथ ही नेशनल हाईवे-9 पर डासना से हापुड़ के बीच छिजारसी टोल प्लाजा पर भी शुल्क 10 फीसदी तक बढ़ जाएगा.
अभी सरायकाले खां से डासना के बीच सफर करने वालों से टोल नहीं लिया जाएगा, लेकिन डासना से आगे जाने वालों को टोल देना होगा. सराय काले खां से डासना के बीच कार से ऑटोमेटिक टोल वसूली की जाएगी. वहीं रालोद नेता जयंत चौधरी ने सरकार निशाना साधते हुए पूछा कि एक अप्रैल से टोल के दाम क्यों बढ़ाए जा रहे हैं.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.