दिल्ली में हुई क्वाड पॉलिसी प्लानर्स वर्किंग ग्रुप की बैठक, इंडो-पैसिफिक की प्राथमिकताओं पर हुई चर्चा
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साल 2017 में रीग्रुपिंग के बाद से क्वाड ने छह वर्किंग ग्रुप्स के निर्माण की घोषणा की है जो विभिन्न नीतियों और पहलों पर फोकस करते हैं. इससे पहले 2023 में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन के पांचवें आयोजन के लिए हिरोशिमा में मुलाकात की थी.
क्वाड पॉलिसी प्लानर्स वर्किंग ग्रुप की तीसरी बैठक सोमवार को नई दिल्ली में हुई. इसमें इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की 'प्रमुख प्राथमिकताओं' पर चर्चा की गई. विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है. क्वाड विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के बीच एक राजनयिक साझेदारी है. यह समूह एक खुले, स्थिर और समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का समर्थन करता है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर एक पोस्ट में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने लिखा, 'क्वाड पॉलिसी प्लानर्स वर्किंग ग्रुप की तीसरी बैठक आज नई दिल्ली में हुई. बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की प्रमुख प्राथमिकताओं और क्वाड के भविष्य के आइडिया पर चर्चा हुई.'
पिछले साल मिले थे क्वाड लीडर्स
साल 2017 में रीग्रुपिंग के बाद से क्वाड ने छह वर्किंग ग्रुप्स के निर्माण की घोषणा की है जो विभिन्न नीतियों और पहलों पर फोकस करते हैं. इससे पहले 2023 में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन के पांचवें आयोजन के लिए हिरोशिमा में मुलाकात की थी.
क्या है क्वाड?
क्वाड का फुल फॉर्म Quadrilateral Security Dialogue (क्वॉड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग) है. वैसे तो Quad का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है. लेकिन चीन इससे खासा परेशान है. उसे लगता है कि भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान, चारों देश मिलकर उसके खिलाफ रणनीतिक साजिश रच रहे हैं.
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