दिल्ली में पिता ही निकला बेटी का कातिल, पेपर काटने वाली ब्लेड से काटकर मार डाला
AajTak
दिल्ली में एक लड़की की हत्या के मामले का खुलासा हुआ है. पुलिस ने इस मामले में मृत लड़की के पिता को गिरफ्तार किया है. दरअसल, पिता ने ही बेटी की पेपर काटने वाली ब्लेड से बेरहमी से हत्या कर दी थी. बताया जाता है कि वह बेटी की खुद की मर्जी से शादी करने की जिद से परेशान था.
दिल्ली में रविवार रात तकरीबन 9 बजे के करीब रोहिणी जिले के कंझावला थाने में एक एक लड़की के कत्ल की कॉल मिली. कॉल मिलते ही दिल्ली पुलिस की टीम कंझावला के उस खेत में पहुंची जहां से कॉल आई थी. मौके पर पहुंच कर पुलिस ने देखा की खेत में एक लड़की खून से लथपथ हालत में पड़ी है. लड़की के शरीर पर कट के कई निशान थे.
पुलिस ने तुरंत लड़की को हॉस्पिटल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद आरोपियों को कड़ने के लिए पुलिस के सामने सबसे पहला सवाल ये था कि वो मृत लड़की की पहचान करे. पुलिस को पता लगा कि लड़की किसी के साथ कैब में कंझावला तक आई थी. फिर पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से कैब ड्राइवर की डिटेल निकाली और ड्राइवर से पूछताछ के आधार पर पुलिस की लड़की पहचान कर ली गई.
लड़की दिल्ली के प्रेम नगर इलाके की रहने वाली थी और वारदात के वक्त उसके साथ उसके पिता नंद किशोर में मौजूद थे. फिर पुलिस ने नंद किशोर के मोबाइल की लोकेशन निकाली और फिर नंद किशोर को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पूछताछ में नंद किशोर ने अपनी बेटी के कत्ल की बात मानी और बताया कि वह खिड़की में शीशा लगाने का काम करता है और उसने अपनी बेटी का कागज काटने वाले ब्लेड से गला रेतकर मार दिया.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पूछताछ में नंद किशोर ने कहा कि उसकी बेटी अपनी मर्जी से शादी करना चाहती थी. इसी बात को लेकर वह हमेशा झगड़ा करती थी. इसकी वजह से गुस्से में आकर उसने इस वारदात को अंजाम दिया.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.