
दिल्ली चुनाव: केजरीवाल का चौका या बीजेपी को मिलेगा मौका? कांग्रेस के लिए अस्तित्व की लड़ाई
AajTak
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान संपन्न हो गया है. अरविंद केजरीवाल के लिए यह चुनाव अग्निपरीक्षा साबित हो सकता है. बीजेपी 27 साल के वनवास को खत्म करने की कोशिश में है, जबकि कांग्रेस 12 साल बाद वापसी की उम्मीद लगाए है. शराब घोटाला और मुख्यमंत्री आवास पर खर्च के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी घिरी रही. प्रधानमंत्री मोदी से लेकर राहुल गांधी तक सभी नेताओं ने आक्रामक प्रचार किया. अब 8 फरवरी को आने वाले नतीजे तीनों पार्टियों के भविष्य की दिशा तय करेंगे. दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान के दौरान फर्जी वोटिंग के आरोप लगे. भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर फर्जी मतदान कराने का आरोप लगाया, जबकि आप ने भाजपा पर चुनाव प्रभावित करने का आरोप लगाया. कई जगहों पर हंगामा हुआ और वीडियो वायरल हुए. इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज में कुंभ स्नान किया, जिस पर विपक्ष ने सवाल उठाए. मिल्कीपुर उपचुनाव में भी फर्जी वोटिंग के आरोप लगे. 8 फरवरी को नतीजों का इंतजार है.

किसान नेताओं और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच बुधवार को सातवें दौर की बातचीत हुई. बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुए. पंजाब सरकार की ओर से वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां बैठक में उपस्थित रहे.

नागपुर में हुई हिंसा के बाद पुलिस की कार्रवाई जारी है. मुख्य आरोपी फहीम खान सहित 51 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया गया है. औरंगजेब विवाद पर सियासत गरम है, जहां कुछ नेता इसे अप्रासंगिक बता रहे हैं तो कुछ इसे मराठी अस्मिता से जोड़ रहे हैं. देखें.

छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने सोमवार को औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान कथित तौर पर औरंगजेब की तस्वीर पर चादर और कुछ इस्लामिक प्रतीकों को जलाने की घटना सामने आई, जिसके कारण कुछ लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं. इसी को लेकर पुलिस ने मामला दर्ज किया था.

'आयत लिखी कोई चादर नहीं जली, दोषियों को कब्र से भी खोद निकालेंगे…', नागपुर हिंसा पर बोले सीएम फडणवीस
सीएम फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि नागपुर हमेशा से शांतिप्रिय शहर रहा है, यहां तक कि 1992 के सांप्रदायिक तनाव के समय भी शहर में दंगे नहीं हुए थे. लेकिन इस बार कुछ असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर हिंसा भड़काने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.