दिल्ली की प्यास बुझाती है मुनक नहर, फिर क्यों कहलाती है खूनी नहर? हर तीसरे दिन मिलती हैं यहां लाशें
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मुनक नहर दिल्ली की जल आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. फिर भी इसे 'खूनी नहर' कहा जाता है. इस नहर में हर तीसरे दिन शव तैरते नजर आते हैं. करीब 35 फीट गहरी इस नहर में रात के समय कई गाड़ियां फंस जाती हैं. क्योंकि यहां घना अंधेरा हादसों को दावत देता है. अपराधी भी अपनी गतिविधियों को छुपाने के लिए इस नहर का उपयोग करते हैं.
दिल्ली में पानी का संकट है और मुनक नहर चर्चा में है. यहां बवाना में टैंकर माफिया के सक्रिय होने की लगातार शिकायतें मिल रही हैं. इस नहर को दिल्ली का वाटर लाइन लाइन भी माना जाता है. आजतक/इंडिया टुडे के खुफिया कैमरे ने टैंकर माफियाओं के पूरे काले कारोबार का खुलासा किया है. दिल्ली सरकार का भी मानना है कि पिछले कुछ समय से मुनक नहर के जरिए आने वाले पानी में 200 क्यूसेक की कमी आई है. आइए जानते हैं मुनक नहर के बारे में...
दिल्ली के लिए जीवन रेखा मानी जाने वाली मुनक नहर वर्षों से पानी की चोरी और जल संकट से जूझ रही है. राजधानी की जलापूर्ति का बड़ा हिस्सा हरियाणा से आता है और मुनक नहर से रोजाना 750 क्यूसेक पानी दिल्ली भेजा जाता है. यह पानी हैदरपुर, बवाना, नांगलोई और द्वारका जल उपचार संयंत्रों को आपूर्ति किया जाता है.
क्यों है ये खूनी नहर?
नहर में हर तीसरे दिन यहां पर लाशें तैरती दिखाई देती हैं. करीब 35 फीट गहरी नहर में रात के वक्त कई वाहन इसकी जद में आ जाते हैं. क्योंकि शाम होते ही यहां पर घुप अंधेरा हो जाता है. यही वजह है अपराधी वारदात को अंजाम देने के बाद आला-ए-कत्ल (वारदात में इस्तेमाल हथियार) को यहां पर छुपाते हैं.
क्यों है दिल्ली की वाटर लाइफ लाइन?
पिछले कुछ सालों में मुनक नहर से पानी की चोरी और कमी के कारण दिल्ली में पानी का संकट और गहरा हो गया है. दिल्ली की सियासत में पानी पर घमासान है तो मुनक नहर फिर दिल्ली और हरियाणा सरकार की सियासत के केंद्र में है. उपराज्यपाल के निर्देश पर मुनक नहर के आसपास भले ही पेट्रोलिंग शुरू हो गई हो, लेकिन टैंकर माफिया के केंद्र में ये नहर तब से है, जब से अंग्रेजों ने इसको बनवाया था.
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