दिल्लीवालों को कुछ दिन और झेलनी होगी पानी की किल्लत, मंत्री आतिशी ने की ये अपील
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जलमंत्री आतिशी ने कहा कि कुछ डेटा हमनें सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा है. सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि ये एक टेक्निकल मुद्दा है, जिस पर अपर यमुना रिवर बोर्ड ही फैसला लेगा. इस बाबत सुप्रीम कोर्ट ने अपर यमुना रिवर बोर्ड को निर्देश दिए है कि इस मुद्दे पर बैठक करें और जल्द से जल्द फैसला ले.
पानी की किल्लत झेल रही दिल्ली को अब जल मंत्री आतिशी की अपील का सहारा है. सुप्रीम कोर्ट से तुरंत पानी मिलने का फैसला न आने के बाद जल मंत्री ने कुछ आंकड़े भी जारी किए हैं. जलमंत्री ने साझा करते हुए बताया कि दिल्ली में हरियाणा से वजीराबाद और अनलाईनड दिल्ली सब ब्रांच के जरिए आने वाले पानी में पहले 30 फीसद का ट्रांसमिशन लॉस होता था. लेकिन दिल्ली जलबोर्ड ने 500 करोड़ रुपये के खर्चे के साथ सीएलसी का निर्माण करवाया और उस ट्रांसमिशन लॉस को 30 फीसद से घटाकर 5 फीसद तक ला दिया.
जलमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने लीकेज और बर्बादी को रोकने के पिछले 9 सालों में 3500 किलोमीटर लीक पानी की पाइपलाइन को बदला है. दिल्ली के जिन इलाकों में पानी की पाइपलाइन नहीं थी वहां पर अवैध तरीके से पानी की चोरी होती थी. उसकी रोकथाम के लिए दिल्ली में 73 हजार किलोमीटर पाइपलाइन डलवाई गई.
जलमंत्री आतिशी ने दिल्लीवालों से की अपील
जलमंत्री आतिशी ने कहा कि सरकार ने पानी के फ्लो को मापने के लिए पूरी दिल्ली में बड़े स्तर पर 3285 बल्क फ्लो मीटर लगाए. दिल्ली में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से प्राथमिक यूजीआर और यूजीआर पर हाल ही में करवाए गए वाटर ऑडिट के अनुसार यहां अंतरराष्ट्रीय मानकों से भी कम पानी की लीकेज है.
जलमंत्री आतिशी ने कहा कि बहुत जगह अफवाहें फैलाई जा रही है कि कई जगह पर पाइपलाइनों में बहुत ज्यादा लीकेज हो रही है. जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है, जब पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से यूजीआर तक नहीं पहुंचता तबतक न सिर्फ फ्लो मीटर बल्कि दिल्ली जलबोर्ड द्वारा बनाई गई पेट्रोलिंग टीम पानी की सभी मुख्य डिस्ट्रीब्यूशन लाइन की मॉनिटरिंग करते हैं. कही भी बड़े स्तर पर लीकेज नहीं है और अगर लीकेज होती है तो 12 घंटे में उसे दूर कर दिया जाता है.
जलमंत्री ने आगे कहा कि, दिल्ली जल बोर्ड ने पानी की बर्बादी को रोकने के लिए शहर में एनफोर्समेंट टीमें लगाई है. जो पिछले 10 दिनों से सुबह 7 बजे लगातार फील्ड में जाते है और जहां पानी बर्बाद किया जा रहा है तो उसका चालान काटा जाता है. अबतक 1323 चालान काटे जा चुके हैं. साथ ही अबतक पानी के 179 अवैध कनेक्शन काटे गए हैं.
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