दावोस यात्रा के खर्चों पर स्विस सेवा प्रदाता का कानूनी नोटिस, MIDC पर लगाया ₹1.58 करोड़ के बकाया भुगतान का आरोप
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बकाया राशि कुल ₹1,58,64,625.90 (रुपये एक करोड़ अठावन लाख चौसठ हजार छह सौ पच्चीस और नौ पैसे) है. एक सरकारी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि दोनों देशों के दूतावासों ने इस नोटिस को संज्ञान में लिया है.
स्विट्जरलैंड की एक सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ने महाराष्ट्र सरकार को बकाया भुगतान न होने पर कानूनी नोटिस भेजा है. यह नोटिस विश्व आर्थिक मंच (WEF) में दी गई सेवाओं के लिए 1.58 करोड़ रुपये के भुगतान से संबंधित है. SKAAH GmbH नामक स्विस कंपनी की ओर से JURIS WIZ कानूनी फर्म द्वारा यह नोटिस 28 अगस्त को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) को भेजा गया. इस नोटिस की प्रतियां विदेश मंत्री और स्विस दूतावास को भी भेजी गई हैं.
बकाया राशि कुल ₹1,58,64,625.90 (रुपये एक करोड़ अठावन लाख चौसठ हजार छह सौ पच्चीस और नौ पैसे) है. एक सरकारी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि दोनों देशों के दूतावासों ने इस नोटिस को संज्ञान में लिया है.
कानूनी नोटिस में कहा गया है कि MIDC पर विश्वास रखने के बावजूद, भुगतान लंबित हैं, जिससे SKAAH GmbH को वित्तीय नुकसान हुआ है और कंपनी की साख पर नकारात्मक असर पड़ा है. कंपनी जनवरी से इन भुगतानों का पीछा कर रही है, खासकर उन अतिरिक्त खर्चों के लिए जो अभी तक निपटाए नहीं गए हैं. बकाया भुगतान न होने के कारण ड्राइवरों सहित सेवा प्रदाताओं ने भविष्य में महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों को सेवाएं देने से इनकार कर दिया है.
कंपनी ने इस मुद्दे के अंतरराष्ट्रीय परिणामों पर जोर देते हुए कहा, "लंबे समय से लंबित भुगतान न केवल SKAAH GmbH की साख को खतरे में डाल रहा है, बल्कि इसका असर भारत और स्विट्जरलैंड के बीच अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी पड़ सकता है. इससे और विवाद या संघर्ष उत्पन्न हो सकते हैं."
बकाया राशि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के मंत्रियों, भारतीय प्रतिनिधियों और अन्य सरकारी अधिकारियों की दावोस यात्रा के दौरान प्रदान की गई सेवाओं से संबंधित है, जहां वे विश्व आर्थिक मंच की 54वीं वार्षिक बैठक में शामिल हुए थे. JURIS WIZ के विशाल पांडे ने इंडिया टुडे को बताया, "मेरे मुवक्किल का भुगतान अभी भी लंबित है. MIDC ने हमारे कानूनी नोटिस को स्वीकार कर लिया है लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, इसलिए हम और विवरण साझा करने की स्थिति में नहीं हैं."
इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाते हुए एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार ने महाराष्ट्र सरकार की प्रतिष्ठा और अंतरराष्ट्रीय निवेश मंचों पर इसकी भागीदारी पर पड़ने वाले प्रभावों की ओर ध्यान दिलाया. उन्होंने उद्योग मंत्री उदय सामंत और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मामले को शीघ्र हल करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, "दावोस यात्रा के खर्चों का बिल लंबित है. निवेश आकर्षित करने वाले स्थान से नोटिस आना अच्छा नहीं है. इस मुद्दे का शीघ्र समाधान किया जाना चाहिए."
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