पावर भी, परिवार भी... वो 'मैरिज डिप्लोमेसी' जो अमेरिका को इजरायल से सीधा जोड़ती है!
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अमेरिका के बड़े नेताओं, अधिकारियों के कई ऐसे उदाहरण हैं जिन्होंने यहूदियों से शादी की है. कई राष्ट्रपतियों के बच्चों ने यहूदियों संग नाता जोड़ा है. कुछ ने तो इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि वो अपनी आने वाली पीढ़ी को एक यहूदी के रूप में देखना चाहते हैं और उन्हें यहूदी परंपरा में ही ढालना चाहते हैं.
'मैरिज डिप्लोमेसी', पॉलिटिक्स ऑफ मैरिज... इन शब्दों से भले ही आपका रोज का राबता न हो लेकिन इनका इतिहास बहुत पुराना है. पौराणिक कथाओं से लेकर आधुनिक इतिहास से होते हुए मौजूदा समय तक अनेक ऐसे रिश्ते बने और बनाए गए हैं जिनके पीछे एक डिप्लोमेसी (कूटनीति) रही है. पौराणिक कथाओं में राज्य की सीमा बढ़ाने के लिए अक्सर दो राजघरानों में शादियां होती थीं. लिखित इतिहास में भी जिक्र मिलता है जब कई बड़े घरानों में शादियां प्रेम की तुलना में वंशवाद और कूटनीति के बारे में अधिक थीं. इसका उद्देश्य दूसरे देशों से संबंध को बेहतर करने और खुद की हिफाजत के लिए हुआ. 1251 में स्कॉटलैंड के राजा अलेक्जेंडर III और इंग्लैंड की रानी के बीच हुई शादी इसका उदाहरण है. अलेक्जेंडर III की जिस वक्त शादी हुई थी उनकी उम्र महज 7 साल थी. लेकिन राजशाही के खात्मे के बाद जब दुनिया में धीरे-धीरे लोकतंत्र पनपा तो मैरिज डिप्लोमेसी के तरीके भी बदले.
वर्चस्व, दबदबा, रुतबा और एक-दूसरे पर कब्जा अब भी नहीं बदला है. लिहाजा मैरिज डिप्लोमेसी भी नहीं बदली है. बस अब इसके तरीके में बदलाव आया है. इसके उदाहरण हमें देश-दुनिया में दिखते भी हैं. लेकिन सवाल ये है कि मैरिज डिप्लोमेसी या शादी के राजनीतिक संबंध की चर्चा आज क्यों जरूरी है? इसके जवाब पर आने से पहले एक नजर डालनी होगी, मौजूदा समय में दुनिया में हो रही सबसे बड़ी हलचल पर. मिडिल ईस्ट में इजरायल ईरान-लेबनान समेत कुछ देशों से कई मोर्चों पर जंग कर रहा है. लेकिन इसके पीछे इजरायल के साथ अमेरिका खड़ा है. ये पहली बार नहीं है जब इजरायल के समर्थन में अमेरिका इस तरह से सामने आया हो. कई उदाहरण हैं जब अमेरिका ने खुले तौर पर इजरायल का समर्थन किया है. अब जिस तरह हर कहानी के कई पहलू होते हैं, वैसे ही इस अटूट रिश्ते के पीछे भी कई तर्क दिए जाते हैं. संसाधन, मिडिल ईस्ट पर कब्जा, मजबूत अलायंस...आदि आदि...लेकिन इन तमाम बहसों में एक नाता इस मैरिज डिप्लोमेसी का भी झलकता है, जिसकी जड़ें बहुत गहरी हैं. इजरायल-अमेरिका में इस दोस्ती के पीछे कई ऐसे 'खास रिश्ते' हैं जो इनके बॉन्ड को मजबूत करते हैं.
दरअसल, अमेरिका के बड़े नेताओं, अधिकारियों के कई ऐसे उदाहरण हैं जिन्होंने यहूदियों से शादी की है. कई राष्ट्रपतियों के बच्चों ने यहूदियों संग नाता जोड़ा है. कुछ ने तो इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि वो अपनी आने वाली पीढ़ी को एक यहूदी के रूप में देखना चाहते हैं और उन्हें यहूदी परंपरा में ही ढालना चाहते हैं. आंकड़े भी बताते हैं कि अमेरिका में यहूदियों ने कैसे अपने बारे में राय को बदला है.
सबसे पहले बात अमेरिका के मौजूदा दो बड़े नेताओं की
अमेरिका में मौजूदा समय में जो बाइडेन राष्ट्रपति हैं और कमला हैरिस उपराष्ट्रपति हैं. बाइडेन के तीनों बच्चों ने यहूदियों से शादी की है. वहीं, उपराष्ट्रपति और मौजूदा डेमोक्रेट राष्ट्रपति उम्मीदवार कमला हैरिस ने भी एक यहूदी से शादी की है. उनके पति Doug Emhoff यहूदी हैं. उनकी शादी भी यहूदी परंपरा से हुई थी. हालांकि, ये कोई अकेले उदाहरण नहीं है. ऐसे कई उदाहरण हैं.
बाइडेन की बेटी ने भी यहूदी से की शादी
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