
तो 30 दिनों के भीतर तहव्वुर राणा को भारत को सौंपेगा अमेरिका? पाकिस्तानी मूल के शख्स का मुंबई हमले में था अहम रोल
AajTak
अमेरिका की एक अदालत ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमला मामले में वांछित पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यापारी तहव्वुर राणा को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने कहा है कि अगले 30 दिनों में उसे भारत को प्रत्यर्पित किये जाने पर फैसला आ जाने की उम्मीद है.
अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित एक अदालत ने जेल में बंद पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा को बड़ा झटका दिया है. तहव्वुर राणा द्वारा पेश किए गए स्टेट्स कॉन्फ्रेंस मोशन को अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह (राणा) 2008 के मुंबई आतंकी हमले में शामिल रहा था और अगले 30 दिनों में उसे भारत को प्रत्यर्पित किये जाने पर फैसला आ जाने की उम्मीद है.
लॉस एंजिल्स के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की जज जैकलीन चूलजियान ने जून 2021 में इस मुद्दे पर आखिरी सुनवाई की थी और जुलाई 2021 में दस्तावेजों का आखिरी सेट दाखिल किया गया था. अदालत को अब राणा को भारत प्रत्यर्पित करने के अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर फैसला देना बाकी है.
राणा के वकील ने कहा, 'मामले में आखिरी दलील 21 जुलाई, 2021 को दायर की गई थी. राणा की निरंतर कारावास को देखते हुए, अदालत और वकील के लिए मामले की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करना उचित प्रतीत होता है.' राणा के वकील ने सुझाव दिया कि स्टेसस कॉन्फ्रेंस 25 अप्रैल को रखा जाए. हालांकि, अदालत ने 17 अप्रैल के एक आदेश में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया.
अदालत के आदेश में कहा गया है, ‘याचिका में यह अनुरोध किया गया है कि अदालत संबंधित पक्षों को इस मामले की नवीनतम स्थिति से अवगत कराता रहे. संबंधित पक्षों को जानकारी दी जाती है कि अदालत 30 दिनों के भीतर इस मामले पर फैसला ले सकती है.’
अदालती सुनवाई के दौरान सरकारी वकीलों ने दलील दी थी कि राणा को पता था कि उसके बचपन का दोस्त डेविड कोलमैन हेडली लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था. वह हेडली की सहायता कर और उसकी गतिविधियों पर पर्दा डालकर वह आतंकवादियों की मदद कर रहा था.
तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. उसने आर्मी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की और पाकिस्तान आर्मी में 10 साल तक बतौर डॉक्टर काम काम किया. लेकिन तहव्वुर राणा को अपना काम पसंद नहीं आया और उसने ये नौकरी छोड़ दी. भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने वाला तहव्वुर राणा अभी कनाड़ा का नागरिक है. लेकिन हाल में वह शिकागो का निवासी था, जहां उसका बिजनेस है. अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक उसने कनाड़ा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड की यात्राएं की है और वहां रहा है, वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है.

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.