ड्रग केस में नवाब मलिक के दामाद को लगा झटका, कोर्ट में बैंक खातों को डी-फ़्रीज़ करने की याचिका खारिज
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NCB ने खान को कथित तौर पर ड्रग्स रखने के आरोप में 13 जनवरी, 2021 को गिरफ्तार किया था. एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामलों के लिए गठित विशेष अदालत से जमानत हासिल करने से पहले उन्होंने छह महीने जेल में बिताए थे.
मुंबई की एक विशेष अदालत ने NCP नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के दामाद समीर खान की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने उनके बैंक खातों को डी-फ्रीज करने की मांग की थी. असल में नशीली दवाओं से संबंधित मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने उनके बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था.
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की टीम नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम के तहत अवैध रूप से अर्जित उनकी संपत्तियों की पहचान करने और उन्हें जब्त करने की प्रक्रिया को पूरा कर रही है. पीटीआई को मिली जानकारी के मुताबिक, अदालत ने 12 मार्च को जारी किए गए अपने आदेश में कहा कि ऐसे मामले में आवेदन की अनुमति नहीं दी जा सकती.
NCB ने खान को कथित तौर पर ड्रग्स रखने के आरोप में 13 जनवरी, 2021 को गिरफ्तार किया था. एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामलों के लिए गठित विशेष अदालत से जमानत हासिल करने से पहले उन्होंने छह महीने जेल में बिताए. विशेष न्यायाधीश ए वी खारकर के समक्ष दायर अपनी नवीनतम याचिका में समीर खान ने कहा कि इन बैंक खातों में मौजूद पैसे का नशीले पदार्थों के कारोबार से कोई संबंध नहीं है.
खान ने कहा कि उनके किरायेदार अपना वार्षिक किराया इन खातों में जमा करते हैं, लेकिन रोक के कारण उन्हें इन वैध स्रोतों से कोई आय नहीं मिल पा रही है. एनसीबी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वे मामले की जांच कर रहे हैं और एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधान के तहत इस मामले के संबंध में अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों की पहचान कर रहे हैं.
अदालत ने संघीय मादक पदार्थ रोधी एजेंसी की दलील को स्वीकार कर लिया और खान की याचिका खारिज कर दी. एनसीबी ने दावा किया है कि खान ने 194.6 किलोग्राम गांजा की खरीद, बिक्री, खरीद और परिवहन की साजिश रची थी. इसने खान और अन्य पर नशीली दवाओं की व्यावसायिक मात्रा से निपटने के लिए मामला दर्ज किया है, एक ऐसा अपराध जिसमें अधिकतम 20 साल की सजा हो सकती है.
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