डोनाल्ड ट्रंप को कोरोना में दी गई 'एंटीबॉडी कॉकटेल' दवा की भारत में एंट्री, डॉक्टर त्रेहान ने बताया ऐसे है फायदेमंद
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मेदांता अस्पताल के फाउंडर डॉक्टर नरेश त्रेहान ने बताया है कि 'एंटीबॉडी कॉकटेल' दवा से 70 प्रतिशत तक हॉस्पिटलाइजेशन बच जाता है ऐसे लोग जिन्हें अस्पताल में जाने की आवश्यकता पड़ सकती, ये दवा लेने के बाद उनमें से 70 प्रतिशत लोगों को अस्पताल जाने की आश्यकता नहीं पड़ती.
स्विट्जर लैंड की ड्रग कंपनी रोशे और सिप्ला ने सोमवार के दिन 'एंटीबॉडी कॉकटेल' दवा को लॉन्च कर दिया है. 'एंटीबॉडी कॉकटेल' दवा के बारे में इंडिया टुडे से बात करते हुए मेदांता अस्पताल के फाउंडर डॉक्टर नरेश त्रेहान ने बताया कि 'एंटीबॉडी कॉकटेल' दवा से 70 प्रतिशत तक हॉस्पिटलाइजेशन बच जाता है यानी इस दवा को लेने वाले 70 प्रतिशत लोगों को अस्पताल नहीं जाना पड़ता. डॉक्टर त्रेहान ने बताया कि इस दवा को कुछ मामलों में बच्चों को भी दिया जा सकता है. "It is expensive but if it going to prevent severe illness, hospitalisation and death, it is worth the cost": Medanta CMD Dr. Naresh Trehan on the new Covid antibody cocktail drug Watch #5iveLive LIVE now #India #SecondWave #CoronavirusPandemic #CovidDrug pic.twitter.com/TMwkrXpGo8 भारत में 'एंटीबॉडी कॉकटेल' के वितरण का काम सिप्ला करेगी. 'एंटीबॉडी कॉकटेल' अभी देश में चुनिंदा जगहों पर ही मिल सकेगी. जैसे इसे मेदांता अस्पताल से लिया जा सकेगा. 'एंटीबॉडी कॉकटेल' दरअसल दो दवाओं का मिक्सचर है, ये दो दवाएं हैं- कासिरिविमाब (Casirivimab) और इम्देवीमाब (Imdevimab). इन दोनों दवाओं के 600-600 MG मिलाने पर 'एंटीबॉडी कॉकटेल' दवा तैयार होती है.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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