डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद बनी जांच कमेटी, जानें पुणे पोर्श केस में अब तक क्या-क्या हुआ
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पुणे पोर्श हादसे के बाद अब एक्शन तेज हो गया है. डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र सरकार ने जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. चिकित्सा शिक्षा आयुक्त राजीव निवतकर ने आदेश जारी कर ग्रांट मेडिकल कॉलेज और जे जे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की डीन डॉ. पल्लवी सपले को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है.
महाराष्ट्र के पुणे में हुए पोर्श हादसे में अब तक कई बड़े घटनाक्रम सामने आ चुके हैं. नाबालिग के ब्लड सैंपल बदलने वाले ससून अस्पताल के डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी बना दी है. चिकित्सा शिक्षा आयुक्त राजीव निवतकर ने आदेश जारी कर ग्रांट मेडिकल कॉलेज और जे जे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की डीन डॉ. पल्लवी सपले को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है.
कमेटी में ग्रांट मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. गजानन चव्हाण और छत्रपति संभाजी नगर सरकारी मेडिकल कॉलेज और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में स्पेशल ड्यूटी अफसर डॉ. सुधीर चौधरी को भी शामिल किया गया है. कमेटी को आज पुणे पहुंचने के लिए कहा गया है.
आयुक्त ने ससून अस्पताल के डीन डॉ. विनायक काले को भी जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है. बता दें कि पुणे पुलिस ससून अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. अजय तवारे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हलनोर और डॉ. तवरे के अधीन काम करने वाले कर्मचारी अतुल घाटकांबले को गिरफ्तार कर चुकी है. उन्हें 30 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
क्या है मामला?
पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई. इस घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. कोर्ट ने उसे 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव-समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था. हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी शराब के नशे में था और बेहद तेज गति से कार को चला रहा था. नाबालिग इस समय सुधार गृह में है.
पुलिसकर्मियों की लापरवाही
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