
'ठंड बहुत है, आतंकी वारदातें भी बढ़ीं...', चुनाव टालने के लिए पाकिस्तानी संसद में पेश हुआ प्रस्ताव
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इस प्रस्ताव में पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) से आग्रह किया गया है कि 8 फरवरी की तारीख को आगे बढ़ाया जाए और सभी संबंधित हितधारकों की सहमति से एक स्वीकार्य तारीख पर चुनाव कराया जाए, इससे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने में भी मदद मिलेगी.
पाकिस्तान के ऊपरी सदन में एक प्रस्ताव पेश कर 8 फरवरी के आम चुनावों को टालने की मांग की गई थी. इसके दो दिन बाद पाकिस्तान की सीनेट में भी इसी तरह का एक प्रस्ताव पेश किया गया. सीनेट में पेश किया गया यह अपनी तरह का तीसरा प्रस्ताव है, जिसमें चुनाव स्थगित करने के लिए ठंड के मौसम और सुरक्षा चिंताओं का हवाला दिया गया है.
स्वतंत्र सीनेटर हिलाल-उर-रहमान द्वारा पाकिस्तान की सीनेट में पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि अत्यधिक ठंड और बर्फबारी से खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में नागरिकों के लिए वोट डालने में मुश्किलें पैदा होंगी और चुनाव प्रचार करने वाले उम्मीदवारों के लिए चुनौतियां पैदा होंगी. उसी तरह, देश में सुरक्षा चिंताओं के कारण, विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा में, उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के दौरान आतंकवादी हमलों के खतरों का सामना करना पड़ रहा है.
'घोषित तारीख खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के लिए उपयुक्त नहीं'
हिलाल-उर-रहमान के प्रस्ताव में कहा गया है कि सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी चुनाव पूर्व प्रक्रियाओं में बाधाएं पैदा कर रही हैं. साथ ही उम्मीदवारों की भागीदारी सीमित कर रहा है. प्रस्ताव में दावा किया गया है कि नागरिकों के चुनावी प्रक्रिया से बाहर हो जाने के डर के कारण, आम चुनाव के लिए घोषित तारीख खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के लिए उपयुक्त नहीं है.
इस प्रस्ताव में पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) से आग्रह किया गया है कि 8 फरवरी की तारीख को आगे बढ़ाया जाए और सभी संबंधित हितधारकों की सहमति से एक स्वीकार्य तारीख पर चुनाव कराया जाए, इससे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने में भी मदद मिलेगी. इससे दो दिन पहले स्वतंत्र सीनेटर हिदायत उल्लाह ने भी एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें आम चुनावों में तीन महीने की देरी की मांग की गई थी.
PTI और PPP की आयोग से समय पर चुनाव कराने की मांग

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