ट्विन टावर को जमींदोज करने से पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, घर खरीदारों को मिली बड़ी राहत
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नोएडा स्थित सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने की कार्रवाई 21 अगस्त की बजाय अब 28 अगस्त से शुरू की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर अपनी मुहर लगा दी है. इसे ब्लास्ट करके गिराया जाएगा. लेकिन ध्वस्तीकरण से पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई की. दरअसल, होमबायर्स का कहना है कि उन्होंने ट्विन टावर में फ्लैटों के लिए पेमेंट किया था, ये वापस किया जाए. वहीं कोर्ट ने आदेश दिया कि IPR को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में 30 सितंबर तक 1 करोड़ रुपये जमा करने होंगे, ताकि सुपरटेक होमबॉयर्स को कुछ भुगतान किया जा सके.
नोएडा स्थित सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने की कार्रवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक मामले में सुनवाई की. दरअसल कुछ होमबॉयर्स ने मांग की है कि उन्होंने नोएडा स्थित 40 मंजिला सुपरटेक ट्विन टावरों में फ्लैटों के लिए भुगतान किया था, उनकी राशि वापस कर दी जाए.
लिहाजा न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने मामले में सुनवाई की. इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि खरीदारों का कुल 5.15 करोड़ रुपया लंबित है. इस मामले में सीआरबी और सुपरटेक के अधिकारियों के साथ चर्चा की गई है. वहीं कोर्ट ने आदेश दिया कि IPR को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में 30 सितंबर तक 1 करोड़ रुपये जमा करने होंगे, ताकि सुपरटेक होमबॉयर्स को कुछ भुगतान किया जा सके.
वहीं न्याय मित्र (एमिकस क्यूरी) ने सुझाव दिया कि सुपरटेक की अन्य परियोजनाएं डेवलपर को घर खरीदारों को भुगतान करने में मदद कर सकती हैं. साथ ही कहा कि हम सुपरटेक से कह सकते हैं कि अन्य परियोजनाओं को बेचने के बाद खरीदारों को किश्तों में भुगतान किया जाए. इसके साथ ही ये भी देखा जाए कि ऐसी कौन सी संपत्ति हैं, जिन्हें बेचा जा सकता है, ताकि घर खरीदारों को भुगतान किया जा सके.
सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि क्या हमें निश्चित समय में कुछ भुगतान करने का आदेश पारित करना चाहिए. इस पर न्याय मित्र (एमिकस क्यूरी) ने कहा कि बेहतर है कि घर खरीदारों को हर महीने कुछ पैसा मिले. इसके बाद बेंच ने कहा कि होमबॉयर्स का ब्याज भी महत्वपूर्ण है. लिहाजा डेवलपर को सब कुछ चुकाना होगा, जो कि बकाया है. कोर्ट ने कहा कि घर खरीदने वाले घर व्यक्ति को उसका बकाया पैसा मिलेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने IRP को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में 30 सितंबर तक 1 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया, ताकि सुपरटेक होमबॉयर्स को कुछ भुगतान किया जा सके. बेंच ने कहा कि हम अक्टूबर की छुट्टियों के बाद लिस्टेड होने वाले मामले को सूचीबद्ध करेंगे. लेकिन NCLT को अपनी कार्यवाही जारी रखने दें.
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