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ट्रंप की वापसी ने बढ़ाई ईरान की मुश्किलें! क्या दोनों देशों के बीच संभव है नया परमाणु समझौता?
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डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में ईरान के साथ परमाणु समझौता खत्म कर दिया था. उनके बाद आई जो बाइडेन प्रशासन ने ईरान को वापस समझौते पर लाने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली. अब एक बार ट्रंप फिर सत्ता में हैं जिसके बाद अमेरिका और ईरान के बीच एक नई परमाणु डील को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी ने अमेरिकी विदेश नीति में दुनिया की रुचि जगा दी है. ट्रंप ने आते ही कई सारे कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए जिसे लेकर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मध्य-पूर्व के उनकी नीति में बदलाव आएगा, खासकर ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर. ट्रंप का दूसरा कार्यकाल अमेरिका-ईरान संबंध फिर से परिभाषित करने का एक मौका है. इसकी जरूरत इसलिए और बढ़ गई है क्योंकि ईरान की बढ़ती परमाणु क्षमता को लेकर तनाव बढ़ रहा है.
अमेरिका-ईरान के बीच का पुराना परमाणु समझौता
मई 2018 में, अपने पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने ईरान के साथ परमाणु समझौते से अमेरिका को हटा लिया था. ट्रंप ने इस समझौते को एकतरफा समझौता बताया था. समझौते से बाहर होते ही ट्रंप ने ईरान पर अपनी दबाव की रणनीति तेज कर दी जिसमें 12 मांगें शामिल थीं. उन मांगों में से अधिकतर तो परमाणु समझौते से संबंधित ही नहीं थी बल्कि उनका संबंध ईरान की क्षेत्रीय गतिविधियों से था. ट्रंप ने हिज्बुल्लाह और हमास जैसे समूहों के लिए उसका समर्थन, इराक और यमन में सैन्य हस्तक्षेप और उसका बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर रोक की मांग की थी.
जो बाइडेन प्रशासन ने ईरान के साथ परमाणु डील को फिर से बहाल करने की कोशिश की थी लेकिन ईरान ने डील में वापसी के लिए तीन शर्तें लगा दी. ईरान ने कहा था कि अमेरिका पहले ये स्वीकार करे कि समझौते से उसका हटना अनुचित था, उस पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटाए और यह गारंटी दे कि भविष्य में कभी अमेरिका एकतरफा तरीके से समझौते से नहीं हटेगा. ईरान की इन शर्तों पर अमेरिका राजी नहीं हुआ था जिस कारण दोनों देशों के बीच समझौता बहाल नहीं हो पाया था.
अब क्या है स्थिति
पिछले चार सालों में ईरान ने अपने परमाणु संवर्धन को काफी हद तक उन्नत किया है. 22 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा कि ईरान अपने यूरेनियम को हथियार ग्रेड के करीब समृद्ध करने के लिए बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है.
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