ज्ञानवापी के तहखाने में क्या-क्या? थोड़ी देर में पेश होगी ASI की सर्वे रिपोर्ट, मुस्लिम पक्ष ने की ये मांग
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ज्ञानवापी पर आज वाराणसी की जिला अदालत में ASI की सर्वे रिपोर्ट पेश की जानी है. इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में याचिका देते हुए मांग की है कि रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में पेश किया जाए. साथ ही बिना हलफनामे के किसी को भी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की इजाजत ना दी जाए.
वाराणसी के चर्चित ज्ञानवापी मस्जिद केस में आज वाराणसी की जिला अदालत में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की सर्वे रिपोर्ट पेश की जानी है. इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में याचिका देते हुए मांग की है कि रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में पेश किया जाए. साथ ही बिना हलफनामे के किसी को भी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की इजाजत ना दी जाए.
सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के लिए एएसआई की टीम कोर्ट पहुंच चुकी है. बताया जा रहा है कि दोपहर में ही जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाएगी.
बता दें कि बीते 30 नवंबर को वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के ASI सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए ASI ने 3 हफ्तों का समय मांगा था. इस पर जिला जज ने 10 दिनों का वक्त ASI को दे दिया था. इसके बाद ASI ने दोबारा समय की मांग की थी. अब आखिरकार एएसआई आज सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने वाली है.
बता दें कि कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद में करीब 100 दिनों तक सर्वे कराया गया. इस दौरान दोनों पक्षों के लोग, ASI के साइंटिस्ट और स्थानीय प्रशासन के लोग शामिल रहे. सर्वे की वीडियोग्राफी भी कराई गई. कोर्ट में सर्वे की रिपोर्ट सबमिट हो जाने के बाद यह पता चल सकेगा कि ज्ञानवापी परिसर में आखिर है क्या?
मुस्लिम पक्ष ने की थी रोक की मांग
इसी साल 21 जुलाई को वाराणसी के जिला जज डॉक्टर अजय कृष्ण विश्वेश ने ज्ञानवापी मस्जिद के सील वजूखाने वाले हिस्से को छोड़कर बाकी परिसर के ASI के सर्वे का आदेश दिया था. तीन दिनों बाद ASI की तरफ से ज्ञानवापी का सर्वे 24 जुलाई को शुरू कर दिया गया, लेकिन मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में डाली गई अर्जी के तहत सर्वे पर रोक लगा दी गई. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट और फिर हाई कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद 4 अगस्त से एक बार फिर ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कार्य शुरू हुआ था.
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