जिसने खोल दी थी दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क की पोल... उस विकिलीक्स वाले जूलियन असांजे की पूरी कहानी
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जूलियन असांजे आज एक बार फिर सुर्खियों में हैं. वजह है कि यूके की जेल में बंद असांजे को चार साल हो गए हैं. आज से ठीक चार साल पहले 2019 में विकिलीक्स के फाउंडर असांजे को ब्रिटिश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. वह कई सालों तक ब्रिटेन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में बतौर शरणार्थी रहे. लेकिन ऐसा हुआ क्या था कि दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट विकिलीक्स का यह फाउंडर कई देशों की आंख की किरकिरी बन गया?
विकिलीक्स (Wikileaks) और जूलियन असांजे (Julian Assange) ये दो ऐसे नाम हैं, जिन्होंने एक समय में दुनियाभर के कई देशों की नाक में दम कर दिया था. कई देशों की सरकारों को शर्मिंदा तक होना पड़ा था.
वही जूलियन असांजे आज एक बार फिर सुर्खियों में हैं. वजह है कि यूके की जेल में बंद असांजे को चार साल हो गए हैं. आज से ठीक चार साल पहले 2019 में विकिलीक्स के फाउंडर असांजे को ब्रिटिश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. वह कई सालों तक ब्रिटेन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में बतौर शरणार्थी रहे. लेकिन ऐसा हुआ क्या था कि दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट विकिलीक्स का यह फाउंडर कई देशों की आंख की किरकिरी बन गया?
विकिलीक्स एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है.यह एक ऐसे संगठन के तौर पर दुनियाभर में मशहूर है, जो खुफिया जानकारी, न्यूज लीक और अज्ञात सूत्रों से मिली गोपनीय जानकरी को पब्लिश करता है. इस वेबसाइट के लॉन्च होने के महज सालभर के भीतर ही 12 लाख से अधिक दस्तावेजों का डेटाबेस तैयार हो गया था.
कुछ लोग असांजे को प्रेस की आजादी का पैरोकार समझते हैं जबकि कुछ उन्हें किसी भी देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक मानते हैं. लेकिन विकिलीक्स शुरू करने को लेकर उनका जुनून उनके लिए गले की फांस बन गया.
क्या है विकिलीक्स?
विकिलीक्स एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है. विकिलीक्स की वेबसाइट को पेशे से पत्रकार और हैकर जूलियन असांजे ने साल 2006 में शुरू किया था. यह एक ऐसे ऑर्गेनाइजेशन के तौर पर दुनियाभर में मशहूर है, जो खुफिया जानकारी, न्यूज लीक और अज्ञात सूत्रों से मिली गोपनीय जानकरी को पब्लिश करता है. इस वेबसाइट के लॉन्च होने के महज सालभर के भीतर ही 12 लाख से अधिक दस्तावेजों का डेटाबेस तैयार हो गया था.
चीन ने अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन में मामला दायर करने का ऐलान किया है. चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, 'चीन चीनी वस्तुओं पर अमेरिका के अतिरिक्त 10 प्रतिशत टैरिफ का दृढ़ता से विरोध करता है और कड़ी निंदा करता है. चीन विश्व व्यापार संगठन के पास मामला दायर करेगा और अपने हितों की रक्षा के लिए उचित जवाबी कदम उठाएगा.'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर भारी टैरिफ लगाकर व्यापार युद्ध छेड़ दिया है. चीन से आने वाले सामानों पर 10% और मैक्सिको, कनाडा से आने वाले सामानों पर 25% टैक्स लगाया गया है. ट्रंप ने पहले ही अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे कि जो देश अमेरिका के अनुकूल व्यवहार नहीं करेंगे, उन पर टैरिफ लगाया जाएगा. देखें...
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