जितनी तेजी से कार ने सड़क पर रौंदा, सिस्टम उससे ज्यादा स्पीड से लीपापोती में जुट गया... पुणे पोर्श कांड की 10 अहम कड़ियां
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इस मामले में आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल की वजह से ये मामला बिल्कुल किसी फिल्म जैसा हो गया. जिसमें जिसमें शहर का कोई घमंडी धन्नासेठ रुपयों के बल पर हर किसी को ख़रीदने की कोशिश करता है. इसी वजह से पुलिस, ड्राइवर, नेता, गवाह के बाद अब सरकारी अस्पताल के डॉक्टर तक सवालों के घेरे में आ चुके हैं.
Pune Porsche Case Important Links: पुणे में हुए पोर्श एक्सीडेंट के दौरान कार की रफ्तार कुछ इतनी ज्यादा थी कि हादसा तो होना ही था. इस हादसे में कई लोग बाल-बाल बचे. जबकि कई लोगों ने सबकुछ अपनी आंखों से देखा. तो आइए आपको बताते हैं, इस केस के दो चश्मदीदों की आंखों देखी, जिनका खुलासा आंखें खोल देगा. और कई लोग का दिल भी दहल जाएगा. साथ ही इस मामले की जांच में कई ऐसी बातें सामने आई हैं, जो पुलिस और सिस्टम पर भी सवाल खड़े करती हैं.
चश्मदीद नंबर 1 पुणे में हुए जिस पोर्श एक्सीडेंट केस ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा है, उस केस के चश्मदीदों के पास वारदात का वो आंखों देखा हाल है, वो दूसरों के पास नहीं. आजतक ने इस केस के दो चश्मदीद संकेत और अमीन शेख से बातचीत की. संकेत ने बताया कि एक्सीडेंट इतनी भयानक तरीके से हुआ कि मौके पर ही बाइक सवार लड़का लड़की की हालत खराब हो चुकी थी. इसके बाद लोगों ने पोर्शु कार चला रहे लड़के को पीटना चालू कर दिया. एक्सीडेंट के नाबालिग आरोपी के साथ मौजूद साथियों ने बताया कि गाड़ी वो नहीं बल्कि नाबालिग आरोपी ही चला रहा था.
चश्मदीद नंबर 2 जबकि अमीन शेख वो शख्स है जिसने हादसे चंद सेकंड पहले ही रोड क्रॉस किया था. सड़क पार करते ही पोर्श कार उसके पीछे से आई और उसने बाइक को उड़ा दिया. इस तरह वो बस दस फीट और चंद सेकंड के फासले से हादसे से बाल-बाल बचा. शेख की मानें तो नाबालिग आरोपी पिटने से बचने के लिए लोगों को रुपयों का लालच दे रहा था. यानी एक्सीडेंट के दोनों ही चश्मदीदों ने ये साफ कर दिया कि एक्सीडेंट किसी और ने नहीं बल्कि नाबालिग लड़के ने ही किया था, जो पोर्श कार चल रहा था.
आरोपी के पिता की करतूत इस मामले में आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल की वजह से ये मामला बिल्कुल किसी फिल्म जैसा हो गया. जिसमें जिसमें शहर का कोई घमंडी धन्नासेठ रुपयों के बल पर हर किसी को ख़रीदने की कोशिश करता है. इसी वजह से पुलिस, ड्राइवर, नेता, गवाह के बाद अब सरकारी अस्पताल के डॉक्टर तक सवालों के घेरे में आ चुके हैं. इल्ज़ाम है कि डॉक्टरों ने रिश्वत के लालच में नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल ही चेंज कर दिया, ताकि हादसे के वक़्त उसके शराब के नशे में होने की बात साबित ना हो सके. लेकिन इसके आगे जो कुछ हुआ, वो चौंकाने वाला है.
अहम सबूत बनेगी सीसीटीवी फुटेज आपने 18 और 19 मई की रात को पुणे के कल्याणी नगर इलाके में सीसीटीवी कैमरे में कैद पोर्श कार की कोहराम मचाने वाली तस्वीरें तो देखीं थी. अब इसी केस से जुड़ी एक दूसरी तस्वीर की बात, वो तस्वीर उस भयानक एक्सीडेंट के महज कुछ घंटे पहले की हैं. जिस एक्सीडेंट में बाइक पर जा रहे दो इंजीनियर्स बेमौत मारे गए थे. तस्वीरें नाबालिग आरोपी और उसके दोस्तों की हैं, जिसमें वो अपनी पोर्श कार के साथ नजर आ रहा है. सूत्रों की मानें तो ये तस्वीरें नाबालिग आरोपी का जुर्म साबित करने के लिए पुणे पुलिस का अहम हथियार साबित हो सकती हैं. लेकिन आख़िर इस तस्वीर में ऐसा क्या ख़ास है? क्यों ये अहम साबित हो सकती है? इसकी चर्चा करेंगे, लेकिन पहले ये जान लीजिए कि इस केस को मैनेज करने और गुनहगारों को बचाने के लिए किस-किस लेवल पर कैसी-कैसी साज़िश रची गई और कैसे एक के बाद एक वो साज़िशें बेनक़ाब होती गई.
बदल दिया 'ब्लड सैंपल' क्या आप यकीन करेंगे जिस नाबालिग आरोपी पर शराब के नशे में धुत्त होकर बाइक से गुज़र रहे इंजीनियर लड़का-लड़की की एक जोड़ी को उड़ा देने का इल्ज़ाम है, उसे बचाने के लिए ससुन अस्पताल के डॉक्टरों ने उसका ब्लड सैंपल ही बदल दिया था? सुनने में ये बात बेशक अजीब लगे, लेकिन पुलिस की जांच में यही बात सामने आई है. ससुन अस्पताल के दो डॉक्टरों ने रिश्वत के लालच में ना सिर्फ लड़के का कलेक्ट किया गया ब्लड सैंपल ही डस्टबिन में फिंकवा दिया था, बल्कि किसी और के ब्लड सैंपल को लड़के का ब्लड सैंपल बता कर उसकी एल्कोहल टेस्ट की रिपोर्ट बना कर दे दी, जो नेगेटिव आई और नेगेटिव ही आनी थी. लेकिन पुणे पुलिस ने इस साज़िश की हवा निकाल दी. और ससुन जनरल हॉस्पीटल के फॉरेंसिक मेडिसीन डिपार्टमेंट के हेड डॉ. अजय तावड़े और सीएमओ डॉ श्रीहरि हलनोर को गिरफ्तार कर लिया.
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