
जल्द भारत आ सकते हैं चीनी विदेश मंत्री वांग यी, गलवान हिंसा के बाद पहली यात्रा होगी
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भारत और चीनी सैनिकों के बीच 15 जून 2020 को गलवान हिंसा हुई थी. इस हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. वहीं, चीनी सेना को भी काफी नुकसान पहुंचा था. तभी से दोनों देशों के बीच विवाद जारी है.
चीन के विदेश मंत्री वांग यी जल्द भारत की यात्रा पर आ सकते हैं. अगर वांग यी भारत आते हैं, तो गलवान हिंसा के बाद से यह चीन की ओर से पहली आधिकारिक यात्रा होगी. समाचार एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी. हालांकि, अभी विदेश मंत्रालय का इस यात्रा को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
भारत और चीन के बीच 15 जून 2020 को गलवान हिंसा हुई थी. इस हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. वहीं, चीनी सेना को भी काफी नुकसान पहुंचा था. तभी से दोनों देशों के बीच विवाद जारी है. मार्च के आखिर में आ सकते हैं चीनी विदेश मंत्री हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्री वांग यी मार्च के आखिर में भारत आ सकते हैं. इस मामले से जुड़े लोगों ने बुधवार को यह जानकारी दी. हालांकि, बताया जा रहा है कि अभी यात्रा पूरी तरह से तय नहीं है, इसलिए तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है.
HT की रिपोर्ट के मुताबिक, नाम न छापने की शर्त पर इन लोगों ने बताया कि दोनों पक्ष यात्रा को लेकर संपर्क में हैं. हालांकि, अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. इन लोगों ने बताया कि इस यात्रा की प्रस्ताव चीन की ओर से आया है. वांग यी की इस क्षेत्र की यात्रा के तहत नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और पाकिस्तान के दौरे की भी योजना थी.
26-27 मार्च को नेपाल जा सकते हैं वांग काठमांठू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, वांग यी 26-27 मार्च को नेपाल का दौरा कर सकते हैं. वे यहां राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी, प्रधान मंत्री शेर बहादुर देउबा और उनके नेपाली समकक्ष नारायण खड़का से मुलाकात करेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, वांग काठमांडू में चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए दबाव डाल सकते हैं.

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पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.