
जर्मनी: FATF की ग्रे लिस्ट से अक्टूबर में बाहर हो सकता है पाकिस्तान, अभी ऑनसाइट विजिट करेगी टीम
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2018 में पाकिस्तान पर आरोप हैं कि वहां मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादियों को आर्थिक मदद पहुंचाने का काम हो रहा है. इसके बाद से उसे ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था. प्रतिबंध के कारण जीडीपी को भारी नुकसान होने के कारण वह लगातार कोशिश कर रहा था कि उसे ग्रे लिस्ट से हटा दिया जाए.
Pakistan FATF Grey List: FATF ने जर्मनी के बर्लिन में तीन दिन चले अधिवेशन में पाकिस्तान को बड़ी राहत दी है. उसने पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' से हटाने का फैसला किया. सूत्रों का कहना है कि एफएटीएफ अक्टूबर में पूर्ण सत्र के दौरान इसकी आधिकारिक घोषणा कर सकता है.
एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान ने शर्तों में को पूरा किया है. हालांकि उसने अपने फैसले में ऑनसाइट विजिट की भी बात कही है. देखा जाए तो ऑनसाइट विजिट का मतलब है कि एफएटीएफ पाकिस्तान के काम से संतुष्ट है. एफएटीए के ऑनसाइट विजिट के फैसले को फाइनेंशल क्राइम वॉचडॉग की वेबसाइट पर भी डाल दिया गया है.
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने बर्लिन में कार्य योजनाओं पर पाकिस्तान की प्रगति की समीक्षा की. FATF ने पाकिस्तान की दोनों कार्य योजनाओं (2018 और 2021) के पूरा होने की बात स्वीकार की है और पाकिस्तान के लिए एक ऑनसाइट विजिट को अधिकृत कर दिया. यह ऑनसाइट विजिट FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के अंतिम चरण होता है.
क्या होता है ऑनसाइट विजिट
ऑनसाइट विजिट में FATF की टीम पाकिस्तान जाएगी और यह आकलन करेगी कि संबंधित देश ने जो कदम उठाए हैं वे कारगर हैं या नहीं. इसके बाद ही FATF उस देश को ग्रे लिस्ट से हटाने की आधिकारिक घोषणा करेगा.
बिलावल की पहल से शुरू हुई प्रक्रिया

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.