जम्मू में आतंकियों पर करारा प्रहार! रियासी के जंगल में सेना का घेरा, कठुआ में आतंकी का खात्मा, डोडा में भी एनकाउंटर
AajTak
जम्मू कश्मीर के डोडा के छत्तरगाला में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी में सेना के पांच जवान घायल बताए जा रहे हैं. घायलों में एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) भी शामिल हैं. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है.
जम्मू कश्मीर में रियासी और कठुआ के बाद अब आतंकियों ने डोडा पर भी हमला किया है. ये तीन दिन में इस तरह का तीसरा हमला है. इस बार आतंकियों ने डोडा जिले में सेना के अस्थाई ऑपरेटिंग बेस पर गोलीबारी की.
इस हमले के बाद डोडा के छत्रकला में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी में सेना के पांच जवान घायल बताए जा रहे हैं. घायलों में एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) भी शामिल हैं. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है. कश्मीर टाइगर नाम के आतंकी ग्रुप ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
अधिकारियों का कहना है कि बुधवार तड़के लगभग 1.45 बजे छत्रकला में सेना और पुलिस की संयुक्त मुहिम के तहत आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है. इससे पहले जम्मू के एडीजीपी आनंद जैन ने बताया था कि गोलीबारी में एक आतंकवादी मारा गया है और एक नागरिक घायल हुआ है, लेकिन अब इलाका खतरे से बाहर है. ऑपरेशन अब भी जारी है और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हैं.
फिलहाल इलाके में फायरिंग नहीं हो रही है. लेकिन तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है.
'आतंकियों ने हमसे पानी मांगा था'
बहराइच हिंसा को हुए पूरे 6 दिन हो गए हैं. इस हिंसा में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये एनकाउंटर गुरुवार को दोपहर सवा दो बजे बहराइच के नानपारा क्षेत्र में हुआ. बहराइच के महाराजगंज के इलाकों में अब सन्नाटा पसरा हुआ है. कई लोग डर के कारण घर छोड़कर भाग गए हैं. जुमे की नमाज से पहले कैसे हैं हालात? देखें.
हमास आतंकी संगठन के आका याह्या सिनवार के मरने से ठीक पहले का वीडियो सामने आया है. जिसमें वह चेहरा ढंक कर सोफे पर बैठा है. धूल से सना हुआ है. जिस इमारत में है वो क्षतिग्रस्त है. उसने इजरायली ड्रोन पर डंडा फेंक कर उसे गिराने का प्रयास भी किया. लेकिन असफल रहा. इसके बाद इस इमारत पर इजरायल ने गोले बरसा दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मीटिंग में एनडीए की मजबूती पर जोर दिया और पार्टी नेताओं से कहा कि अलग-अलग विषयों पर एक आवाज में बोलें. मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक साल में कम से कम दो बार हो. संविधान के मूल्यों को मजबूत करने की जरूरत है और संविधान के 75 वर्ष होने पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएं.