जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की संभावनाएं टटोलेगी BJP, इस रणनीति पर हो रहा है काम
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भाजपा नेताओं के मुताबिक अगर पार्टी जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़े दल के रूप में उभरती है तो ऐसे में बिना देरी किए निर्दलीय और छोटी पार्टियों से जीते विधायकों के बूते सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा. पार्टी कई विकल्पों पर विचार कर रही है.
सी वोटर के एक्जिट पोल में जम्मू-कश्मीर में त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की गई है. हालांकि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन के आगे रहने की भविष्यवाणी है लेकिन किसी भी एक राजनीतिक दल को अपने दम पर बहुमत मिलने की संभावना नहीं है. सी वोटर के एक्जिट पोल में बीजेपी को 27 से 32 सीटें तक मिलने की भविष्यवाणी है और ऐसे में बीजेपी सबसे बडे दल के रूप में उभरने की स्थिति में सरकार बनाने की संभावनाओं को तलाशने में जुट गई है.
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी कई निर्दलियों और छोटी पार्टियों के नेताओं से संपर्क में है. बीजेपी ने पर्दे के पीछे से उन्हें समर्थन भी दिया था. पार्टी ने घाटी में इस बार सभी सीटों पर न लड़ने का फैसला इसी रणनीति के तहत किया था.
जहां 2014 में बीजेपी ने 75 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे इस बार पार्टी ने 62 सीटों पर ही चुनाव लड़ा. बीजेपी नेताओं के मुताबिक अगर पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरती है तो ऐसे में बिना देरी किए निर्दलीय और छोटी पार्टियों से जीते विधायकों के बूते सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा.
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जम्मू में क्लीन स्वीप की उम्मीद बीजेपी को उम्मीद है कि जम्मू क्षेत्र में वह पिछली बार की ही तरह स्वीप करेगी. पिछले चुनाव में बीजेपी को 25 सीटें मिली थीं. इस बार उसका अपना आकलन है कि उसकी संख्या बढ़ कर 28-35 तक हो सकती है. हालांकि कुछ नेता यह मानते हैं कि अगर टिकट बंटवारे में गड़बड़ी नहीं होती तो यह संख्या और भी बढ़ सकती थी. ठीक से टिकट न बांटने के कारण बीजेपी को जम्मू क्षेत्र में कुछ सीटों पर बगावत का सामना करना पड़ा और ऐसे में उन सीटों पर उसे नुकसान भी हो सकता है.
पांच मनोनीत विधायक भी रणनीति का हिस्सा
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