'जज को नाबालिग का दर्द दिखा, हमारा क्या?' पोर्श कांड के आरोपी की रिहाई पर पीड़ित की मां
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पुणे पोर्श कांड में जान गंवाने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीश अवधिया की मां सविता अवधिया ने कहा कि ''जज साहब और पूरे सिस्टम को नाबालिग आरोपी का दर्द दिख रहा है, लेकिन हमारा दर्द क्यों नहीं दिखता? उन्होंने कहा कि हमारे परिवार का बेटा तो दूसरे परिवार की बेटी गई है. कोर्ट का फैसला सुनकर हमें बहुत बुरा लग रहा है. उसे सजा मिलनी चाहिए.''
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुणे पोर्श कांड में नाबालिग आरोपी को रिहा करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने रिमांड आदेश को अवैध करार देते हुए उसे रद्द कर दिया. नाबालिग के माता-पिता और दादा फिलहाल सलाखों के पीछे हैं, इसलिए नाबालिग आरोपी की कस्टडी उसकी मौसी को दे दी गई है. कोर्ट के आदेश के बाद नाबालिग आरोपी को निगरानी गृह से बाहर निकाल दिया गया. एडवोकेट प्रशांत पाटिल ने कहा कि नाबालिग आरोपी को बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार किशोर न्याय बोर्ड के पर्यवेक्षण गृह से रिहा कर दिया गया है. उसे उसकी मौसी की देखरेख में रखा जाएगा.
कोर्ट के फैसले के बाद पुणे पोर्श कांड में जान गंवाने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीश अवधिया की मां सविता अवधिया की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि नाबालिग आरोपी को रिहा नहीं करना चाहिए था. कोर्ट ने उसकी परेशानी देखकर उसे रिहा कर दिया गया है, लेकिन हमारा क्या? हमारे दोनों परिवार के चिराग छिन गए. उन्होंने कहा कि जज को नाबालिग आरोपी की परेशानी नजर आ गई, लेकिन हमारी परेशानी नजर नहीं आई? हमने अपने घर का चिराग खोया है.
सविता अवधिया ने कहा कि एक मां, जिसका 24 साल का बेटा उससे छिन जाए तो वह कैसा महसूस करेगी? उन्होंने कहा कि किसी मां का बेटा दूसरे की लापरवाही से चला जाए तो वह कैसा महसूस करेगी. उन्होंने कहा कि हम इस न्याय से खुश नहीं है, अभी हमें न्याय नहीं मिला है. हम तो उम्मीद लगाकर बैठे हैं कि हमें न्याय मिले.
जज साहब को हमारा दर्द क्यों नहीं दिखता?
सविता अवधिया ने कहा कि ''जज साहब और पूरे सिस्टम को नाबालिग आरोपी का दर्द दिख रहा है, लेकिन हमारा दर्द क्यों नहीं दिखता? उन्होंने कहा कि हमारे परिवार का बेटा तो दूसरे परिवार की बेटी गई है. कोर्ट का फैसला सुनकर हमें बहुत बुरा लग रहा है. उसे सजा मिलनी चाहिए.''
'नाबालिग आऱोपी को सजा दी जाए'
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