छह पन्नों की शिकायत... धोखा-धमकी और उत्पीड़न के आरोप, इस कंपनी की पूर्व CEO ने को-फाउंडर पर कराई FIR
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Zilingo Ex-CEO File FIR: अंकिति बोस और ध्रुव कपूर ने मिलकर साल 2015 में जिलिंगो की स्थापना की थी. साल 2019 तक आते-आते कंपनी की मार्केट वैल्यू बढ़कर 7,000 करोड़ रुपये हो गई थी. लेकिन, साल 2022 में कंपनी में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के बाद अंकिति बोस को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.
टेक स्टार्टअप जिलिंगो (Zilingo) के बार फिर सुर्खियों में आ गया है. दरअसल, इस कंपनी की फाउंडर और पूर्व सीईओ अंकिति बोस (Ankiti Bose) ने जिलिंगो के को-फाउंडर और पूर्व चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है. उन्होंने अपनी छह पन्नों की शिकायत दोनों पर धोखाधड़ी, जान से मारने की धमकी से लेकर यौन उत्पीड़न तक के आरोप लगाए हैं. आइए जानते हैं आखिर क्या है पूरा मामला?
जिलिंगो के निवेशकों को गुमराह करने का आरोप बिजनेस टुडे पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक, Zilingo EX CEO अंकिती बोस ने कंपनी के जिन दो एग्जिक्यूटिव्स के खिलाफ मुंबई में एफआईआर दर्ज कराई है. उनमें पहले जिलिंगो के को-फाउंडर ध्रुव कपूर हैं और दूसरे पूर्व सीओओ आदि वैद्य हैं. अंकिति के द्वारा पुलिस में छह पन्नों की जो शिकायत दी गई है, उसमें उन्होंने दोनों पर फाइनेंशियल बेनेफिट्स हासिल करने के लिए उन्हें और जिलिंगो के इन्वेस्टर्स को गुमराह करके नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है.
'मेरे नाम पर झूठे सौदे कर फंसाया...' यहीं नहीं Ankiti Bose ने ध्रुप कपूर और आदि वैद्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए उन पर ये आरोप भी लगाया कि इन दोनों ने झूठे सौदे किए और मुझे फंसाने की धमकियां भी दीं. उन्होंने कंपनी से संबंधित विभिन्न डेटा और जानकारी छिपाई. इन सबके चलते मुझे कंपनी तक छोड़नी पड़ी. अपनी शिकायत में अंकिती ने आगे लिखा कि मुझे धोखा दिया गया और आदि वैद्य ने मेरे शेयर तक हासिल कर लिए, जिनकी कीमत करोड़ों में है. Zilingo की पूर्व सीईओ ने कहा कि जब मेरे द्वारा विरोध किया गया तो मुझे आपराधिक धमकी देकर डराया गया, यही नहीं उन्होंने यौन और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए दोनों पर FIR दर्ज कराई है.
ध्रुव कपूर और आदि वैद्य ने आरोपों को बताया निराधार Ankiti Bose के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए Zilingo Co-Founder ध्रुव कपूर ने कहा कि बोस के गलत काम सवालों के घेरे में हैं, जिसके चलते उन्हें कंपनी से निकाला गया और उनके द्वारा लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह से निराधार हैं. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ अंकिति ने झूठे और दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाए हैं. उनकी हकीकत पहले ही जांच में सामने आ चुकी है और अब प्रतिशोध के तहत उन्होंने झूठे आरोप लगाए हैं. वहीं Zilingo Ex COO आदि वैद्य ने इस मामले में कहा है कि अंकिति बोस ने मेरे खिलाफ जो आरोप लगाए हैं उनका मकसद और कुछ नहीं, बस मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और मुझे परेशान करना है.
पहले खड़ी की कंपनी... फिर ऐसी निकली बाहर गौरतलब है कि अंकिति बोस और ध्रुव कपूर ने मिलकर साल 2015 में Zilingo की स्थापना की थी. साल 2019 तक आते-आते कंपनी की मार्केट वैल्यू बढ़कर 7,000 करोड़ रुपये हो गई थी. लेकिन, साल 2022 में कंपनी में उथल-पुथल मचनी शुरू हो गई और उस वक्त सब हैरान रह गए, जब कथित तौर पर वित्तीय अनियमितताओं की जांच के बाद अंकिति बोस को कंपनी बोर्ड ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. कंपनी की ओर से कहा गया था कि Ankiti Bose ने बिना किसी अप्रूवल और मैनेजमेंट के परमिशन के अपनी सैलरी में 10 गुना इजाफा किया था और अकाउंटस में भी धोखाधड़ी की थी.
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