चीन युद्ध की तैयारी में था, नेहरू विदेश गए थे; यूं ही नहीं मिली थी 1962 की हार
Zee News
उस दौर के लोगों की गलतफहमिया 20 अक्टूबर 1962 को दूर हो गई. चीन (China), भारत पर हमला कर चुका था. उसका इरादा लद्दाख में Chip Chap (चिप चैप) वैली और अरुणाचल प्रदेश में Namka Chu (नामका चू) नदी से भी आगे के इलाकों पर कब्जा करने का था.
नई दिल्ली: डीएनए में अब हम बात 1962 के दौर की, ये वो साल था जिसकी शुरुआत से ही चीन (China) ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) की सीमा पर आक्रमक रुख दिखाना शुरू कर दिया था. उस समय की जवाहर लाल नेहरू सरकार हिंदी-चीनी भाई भाई के नशे में डूबी हुई थी. लेकिन ये नशा 20 अक्टूबर के दिन सुबह 5 बजे तब चूर चूर हो गया. जब चीन ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश पर एक साथ हमला कर दिया.
20 अक्टूबर से 21 नवंबर 1962 तक चले इस युद्ध में भारत को हार मिली, भारत के सवा तीन हजार सैनिक शहीद हो गए. चीन ने भारत की करीब 43 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर तब कब्जा कर लिया. आज भी इसके एक बड़े हिस्से पर उसका कब्जा है. ये जमीन आकार में स्विटजरलैंड के क्षेत्रफल के बराबर है. साल 1962 की हार आज भी भारत की आत्मा पर एक बोझ है. असल में ये हार भारत की सेना की नहीं बल्कि भारत की तत्कालीन सरकार की हार थी.