![चीन की महत्वाकांक्षा को काउंटर करने के लिए G-7 एकजुट, गरीब देशों के लिए ये प्लान तैयार](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202106/g7_leaders-sixteen_nine.jpg)
चीन की महत्वाकांक्षा को काउंटर करने के लिए G-7 एकजुट, गरीब देशों के लिए ये प्लान तैयार
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G-7 देशों की ब्लिड बैक बेटर वर्ल्ड (B3W) परियोजना को चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ड एंड रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पहल का जवाब माना जा रहा है. इसके जरिए गरीब और छोटे देशों को चीन की ओर से दिए गए असहनीय ऋण की आलोचना भी की गई है.
विश्व के ताकतवर देशों के समूह ग्रुप ऑफ सेवन (G-7) ने शनिवार को गरीब देशों को चीन से मिल रही इंफ्रास्ट्रक्चर फंडिंग के जवाब में अमेरिका के नेतृत्व वाली योजनाओं का अनावरण किया. इन देशों ने भविष्य की महामारियों को रोकने के लिए एक नया समझौता किया है. एलीट पश्चिमी देशों का यह समूह 2019 के बाद पहली बार पर्सन-टू-पर्सन मीट में शामिल हुआ है. जी-7 देशों ने सामूहिक तौर पर वादा किया है कि वे आर्थिक तौर पर पिछड़े और मध्यम देशों में अरबों के निवेश को प्रोत्साहित करेंगे. उनकी भागीदारी इन देशों में बढ़ेगी और योजनाओं में पारदर्शिता बरती जाएगी.![](/newspic/picid-1269750-20250214181736.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा की गई. इस चर्चा में अमेरिका ने भारत को F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और जावलिन मिसाइल्स की पेशकश की. विशेषज्ञों का विचार है कि ये हथियार भारत की आत्मनिर्भरता नीति के सटीक अनुरूप नहीं हैं.
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रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
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PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.