चर्चित यूट्यूबर पर पुलिस ने कसा शिकंजा, लगाया गुंडा एक्ट, पुलिस अफसरों पर किया था विवादित कमेंट
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महिला पुलिस कर्मियों के बारे में अपमानजनक और आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए चर्चित यूट्यूबर सवुक्कु शंकर पर पुलिस ने गुंडा एक्ट लगा दिया है. उनको कोयंबटूर साइबर पुलिस द्वारा 4 मई को गिरफ्तार किया गया था.
महिला पुलिस कर्मियों के बारे में अपमानजनक और आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए चर्चित यूट्यूबर सवुक्कु शंकर पर पुलिस ने गुंडा एक्ट लगा दिया है. उनको कोयंबटूर साइबर पुलिस द्वारा 4 मई को गिरफ्तार किया गया था. उन पर सात अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है.
यूट्यूबर सवुक्कु शंकर के खिलाफ एक महिला एसआई ने शिकायत दर्ज कराई थी. इस तहरीर के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 294 (बी), 353, 509, आईटी एक्ट की धारा 67 और टीएन महिला उत्पीड़न निषेध अधिनियम की धारा 4 के तहत केस दर्ज किया है. इसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी.
सवुक्कू शंकर डीएमके सरकार के मुखर आलोचकों में से एक हैं. इससे पहले भी उनके कई वीडियो विवादों में रहे हैं. एक मामले में यूट्यूब ने मद्रास हाई कोर्ट को बताया था कि 4 मार्च को सवुक्कु मीडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उनके यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए एक वीडियो को ब्लॉक कर दिया गया है.
उस वीडियो में सवुक्कु ने फिल्म प्रोडक्शन हाउस लाइका प्राइवेट लिमिटेड पर यह आरोप लगाया था कि वो अपनी फिल्मों को बनाने में ड्रग्स तस्करी के पैसों का इस्तेमाल करते हैं. इस मामले मे प्रोडक्शन हाउस द्वारा केस दर्ज कराया गया था, जिसमें कोर्ट के आदेश पर वीडियो डिलीट किया गया था.
इस मामले में पुलिस ने तमिल यूट्यूब चैनल 'रेड पिक्स' के मालिक फेलिक्स गेराल्ड को आरोपी नंबर दो बनाया है. उन्हें शुक्रवार को साइबर पुलिस ने नोएडा से गिरफ्तार किया था. गेराल्ड ने अपने चैनल 'रेड पिक्स' पर यूट्यूबर सावुक्कु शंकर का एक साक्षात्कार किया था. इसी में उन्होंने विवादित कमेंट किया था.
यूट्यूबर शंकर ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और महिला पुलिस कर्मियों के खिलाफ आपत्तिजनक तरीके से बात की थी. फेलिक्स ने अपनी अग्रिम जमानत के लिए मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जो कि खारिज कर दी गई थी. पिछली सुनवाई के दौरान जस्टिस कुमारेश बाबू ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि सावुक्कु शंकर को आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए प्रेरित करने के लिए गेराल्ड को इस मामले में पहला आरोपी बनाया जाना चाहिए था.
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