'गोलियां लग गई हैं, मुझे नहीं लगता अब बच पाऊंगा', शूटआउट के बाद बाबा सिद्दीकी के आखिरी शब्द
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बाबा सिद्दीकी को विजयादशमी वाले दिन उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर के बाहर ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. गोलियां लगने के बाद बाबा सिद्दीकी ने कहा था कि अब मुझे नहीं लगता कि मैं बच पाऊंगा. इसके तुरंत बाद उन्हें लीलावती अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन तबतक उनकी मौत हो चुकी थी.
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की बीते दिनों मुंबई में उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. शूटर्स ने बाबा सिद्दीकी पर 6-7 राउंड फायरिंग की थी, जिनमें से तीन गोलियां उन्हें लग गई थीं. गोली लगने के बाद बाबा सिद्दीकी ने आसपास मौजूद लोगों से कहा था कि मुझे गोलियां लग गई हैं और मुझे नहीं लगता कि मैं बच पाऊंगा. इसके तुरंत उन्हें लीलावती अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी से एक घंटे तक पूछताछ की. इस दौरान क्राइम ब्रांच ने उनसे कई सवाल किए. सूत्रों के मुताबिक, जीशान ने जांच के बारे में अहम जानकारियां मुंबई की क्राइम ब्रांच को दी हैं और उन संभावित विवादों के बारे में भी बताया जिनका सामना बाबा सिद्दीकी कर रहे थे. क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने जीशान से पूछा जब बाबा सिद्दीकी को गोलियां लगीं क्या उस वक्त कुछ पलों के लिए वो जिंदा थे? क्या बाबा सिद्दीकी की किसी से दुश्मनी थी? क्या आपकी किसी से दुश्मनी थी? आपको क्या लगता है किसने उन्हें मारा? आपको किसी पर शक है?
40 मिनट तक वारदात को अंजाम देने का किया था इंतजार
पता चला है कि आरोपी शूटर गुरमैल सिंह, शिव कुमार और एक अन्य आरोपी ने बाबा सिद्दीकी को गोली मारने से पहले घटना स्थल पर 40 मिनट तक इंतजार किया था. गोली मारने के बाद वो अलग-अलग दिशाओं में भाग गए थे और अपनी शर्ट भी बदल ली थीं. दरअसल वो अपने साथ एक एक्स्ट्रा शर्ट लेकर आए थे. इसी क्रम में मुंबई पुलिस को मौके से एक बोरा मिला, जिसमें शर्ट, शिव कुमार का आधार कार्ड और टर्की की बनी स्वचालित पिस्तौल मिली है.
शूटर्स ने देसी और यूरोप में बनी GLOCK पिस्टल से मारी थीं बाबा सिद्दीकी को गोलियां, हुआ बड़ा खुलासा
जांच में खुलासा हुआ है कि प्रवीण ने हरीश को साठ हजार रुपए ट्रांसफर किए थे. हरीश ने शूटर्स को रैकी और शूटआउट करने के लिए बाइक खरीदने के लिए 32 हजार रुपये दिए थे, लेकिन अचानक आखिरी वक्त में उन्होंने घटना स्थल जाने के लिए एक ऑटो का इस्तेमाल किया. इस बाइक को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है. शिवकुमार और धर्मराज को पैसे देने का वायदा किया गया था और गुरमैल को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विदेश जाने का वादा किया गया था. मुंबई पुलिस कई लीड पर काम कर रही है.
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