गिरफ्तारी से कस्टडी तक बदलेंगे नियम, इन मामलों में हथकड़ी लगा सकेगी पुलिस... जानें- 1 जुलाई से क्या-क्या बदल जाएगा
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एक जुलाई से तीन नए क्रिमिनल लॉ लागू होने जा हैं. आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता और सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू हो जाएगी. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में गिरफ्तारी से लेकर कस्टडी समेत कई बड़े बदलाव हुए हैं. जानते हैं कि पहली तारीख से क्या-क्या बदल जाएगा?
जुलाई की पहली तारीख से तीन नए क्रिमिनल लॉ लागू होने जा रहे हैं. इसके बाग 1860 में बनी आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और 1872 के इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य संहिता लेगी.
इन तीनों नए कानूनों को लाने का मकसद अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे आउटडेटेड नियम-कायदों को हटाना और उनकी जगह आज की जरूरत के हिसाब से कानून लागू करना है.
इन तीन नए कानूनों के लागू होने के बाद क्रिमिनल लॉ सिस्टम में काफी कुछ बदल जाएगा. मसलन, अब देशभर में कहीं भी जीरो एफआईआर दर्ज करवा सकेंगे. कुछ मामलों में आरोपी की गिरफ्तारी के लिए सीनियर से मंजूरी लेनी होगी. अब पुलिस कुछ मामलों में आरोपी को हथकड़ी लगाकर गिरफ्तार कर सकती है.
अब कहीं भी जीरो एफआईआर
अब देश में कहीं भी जीरो एफआईआर दर्ज करवा सकेंगे. इसमें धाराएं भी जुड़ेंगी. अब तक जीरो एफआईआर में धाराएं नहीं जुड़ती थीं. 15 दिन के भीतर जीरो एफआईआर संबंधित थाने को भेजनी होगी.
नए कानून में पुलिस की जवाबदेही भी बढ़ा दी गई है. हर राज्य सरकार को अब हर जिले के हर पुलिस थाने में एक ऐसे पुलिस अफसर की नियुक्ति करनी होगी, जिसके ऊपर किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी से जुड़ी हर जानकारी रखने की जिम्मेदारी होगी.
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