गाड़ी को बनाया 'चलता-फिरता' गार्डन, छत पर 100 पौधे रखकर कार क्यों चलाता है ये शख्स?
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दिल्ली की सड़कों पर आपको यह ग्रीन गड्डी (Green Gaddi) घूमती दिख जाएगी. गौरव अहूजा नाम के शख्स ने अपनी इनोवा कार को चलता फिरता गार्डन बना दिया है.
साल 2016, नवंबर का महीना. दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण अपना रौद्र रूप दिखा रहा था. पहली बार ऐसा हुआ था कि पूरे 10 दिनों तक गंभीर केटेगिरी का पलूशन रहा हो. इसी बीच एक रेड लाइट पर खड़े थे गौरव अहूजा. गाड़ियों के जाम और दमघोंटू प्रदूषण के बीच उनकी नजर बराबर से जा रही पौधों की नर्सरी की गाड़ी पर पड़ी. नर्सरी की इस गाड़ी ने पलूशन से जल रही गौरव की आंखों को जैसे ठंडक पहुंचा दी हो. बस फिर क्या था गौरव के मन में ख्याल आया कि सामान्य गाड़ियों में भी नर्सरी की कार जैसा कुछ किया जा सके तो कितना अच्छा होगा और यह पलूशन से भी राहत देगा. तब गौरव के मन में एक विचार आया जिसने आगे चलकर ग्रीन गड्डी (Green Gaddi) पहल का रूप ले लिया.
गौरव अहूजा ने अपनी कार की छत पर करीब 95-100 पौधे लगाए हुए हैं. जिस सड़क से उनकी यह कार गुजर जाती है, लोगों की नजर एकबार उसपर जरूर पड़ती है.
आजतक से बातचीत में गौरव ने बताया कि 2016 में जब दिल्ली में पलूशन का स्तर बेहद खतरनाक हो गया था, तब उनको कार पर पौधे लगाने का विचार आया था. इसके बाद तीन साल तक उन्होंने इसके बारे में काफी कुछ सीखा, जाना और फिर 2019 में ग्रीन गड्डी पहल ने बड़ा रूप ले लिया.
'24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ते हैं कार पर लगे पौधे'
दिल्ली में ही एक ऐड एजेंसी चलाने वाले गौरव बताते हैं कि धीरे-धीरे पलूशन के खिलाफ जंग को उन्होंने अपना पैशन बना लिया. उनके मन में यह ख्याल अकसर आता था कि गाड़ियों से पैदा हो रहे कार्बन को कैसे कम किया जाए. आखिर में उन्होंने अपनी कार पर ही पौधे लगा दिये जो उनके मुताबिक, 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ते हैं.
एक कार की छत पर करीब 95 से 100 पौधे आ सकते हैं. दिल्ली में जितनी गाड़ियां हैं एक उनकी एक फीसदी भी ग्रीन गड्डी पहल के तहत अपनी छत पर पौधे लगा लें तो दिल्ली में करोड़ों पौधे बढ़ सकते हैं, जिससे पलूशन कम करने में योगदान मिलेगा
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