गांधी परिवार के दबदबे को चुनौती देने वाला था प्रशांत किशोर का रिवाइवल फॉर्मूला, कांग्रेस को नहीं आया रास
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Prashant Kishor congress: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर विराम लग गया है. प्रशांत किशोर ने कांग्रेस का दामन थामने से इनकार कर दिया है. हालांकि, कांग्रेस पीके के अनुभव और रणनीति का 2024 लोकसभा चुनाव के लिए लाभ लेना चाहती थी, लेकिन जिस तरह के अधिकार और बदलाव का फॉर्मूला उन्होंने रखा था, कांग्रेस का उस दिशा में कदम बढ़ाना मुश्किल हो रहा था, जिसकी वजह से पीके के बात बनते-बनते बिगड़ गई.
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कांग्रेस में एंट्री की महीनों से चल रही अटकलों पर आखिरकार विराम लग गया है, पीके ने खुद ट्वीट कर कांग्रेस में शामिल होने के ऑफर को ठुकराने का ऐलान कर दिया है. पीके के तेवर और कांग्रेस की कार्यशैली को समझने वाले लोगों को इस घटनाक्रम से बिल्कुल भी हैरानी नहीं है.
दरअसल, पीके ने कांग्रेस में शामिल होने के लिए पार्टी को पुनर्जीवित करने का जो फॉर्मूला रखा था, उसे स्वीकारना कांग्रेस के लिए कतई मुश्किल था. इस पर मुहर दरअसल कांग्रेस और गांधी परिवार के भविष्य को लेकर बड़ा जोखिम उठाने जैसा था, जिसके लिए न तो गांधी परिवार तैयार था, न पार्टी के दूसरी पंक्ति के कद्दावर नेता.
प्रशांत किशोर ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया, ''मैंने एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप 2024 का हिस्सा बनने, पार्टी में शामिल होने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने के कांग्रेस का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. मेरी राय में पार्टी की अंदरूनी समस्याओं को ठीक करने के लिए, कांग्रेस को मुझसे ज्यादा लीडरशिप और मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है.'' वहीं, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने एक एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप 2024 का गठन किया और प्रशांत किशोर को जिम्मेदारी देते हुए ग्रुप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया, लेकिन उन्होंने स्वीकार करने से मना कर दिया. हम पार्टी को दिए गए उनके प्रयासों और सुझावों की सराहना करते हैं.
प्रशांत किशोर की बात से साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस में अभी बहुत ही ज्यादा सुधार की आवश्यकता है. यहां तक कि वह खुद इसके लिए अपने आप को कम मान रहे हैं. उनका मानना है कि पार्टी में नेतृत्व के अलावा बहुत कमियां हैं जिन्हें ठीक करने की जरूरत है. वहीं, पीके को कांग्रेस लेने के लिए पूरी तरह तैयार थी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी में 2024 लोकसभा चुनावों के लिए एक एम्पार्वड एक्शन ग्रुप बनाकर प्रशांत किशोर को उसका सदस्य बनाकर पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन पीके ने जिस तरह से पार्टी में बदलाव करने के लिए प्रस्ताव दिए थे, उन पर कांग्रेस पूरी तैयार नहीं थी. इसी के चलते दोनों के बीच बातचीत बनते-बनते बिगड़ गई.
बीते साल भी प्रशांत किशोर की कांग्रेस नेतृत्व के साथ कई दौर की बातचीत हुई थी. लेकिन तब भी उनकी कांग्रेस में एंट्री का रास्ता नहीं बन सका था. एक बार फिर 2022 के पांच राज्यों के चुनाव में करारी हार के बाद प्रशांत किशोर खुद कांग्रेस के पास आए और उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सहित कई बड़े नेताओं को प्रजेंटेशन दिए. माना जा रहा था कि इस बार प्रशांत किशोर की कांग्रेस में एंट्री तय है और बात सही दिशा में आगे बढ़ रही थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका. इसके पीछे प्रशांत किशोर जिस तरह की भूमिका कांग्रेस में चाहते थे और पार्टी में बदलाव का फॉर्मूला रखा था, उस पर पार्टी में रजामंदी नहीं थी.
प्रशांत किशोर को चाहिए था फ्री हैंड
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